Saturday, October 26, 2024

UP: अटकलों पर विराम, BJP की लिस्ट में संघमित्रा मौर्य का नाम नहीं, कभी मुलायम सिंह यादव को दीं थी चुनौती

लखनऊ।लोकसभा चुनाव करीब है सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवरों के नामों का ऐलान कर रही है तो दूसरी तरफ किसी का टिकट कट रहा है। कुलमिलाकर पार्टियों में घमासान मचा है, साथ ही टिकट को लेकर नेताओं के दिलों में भी तूफान उमड़ रहा है। जिनको टिकट मिल रहा है उनके मन में जीतने के लिए तो जिनका टिकट कटा है, उनके मन में राजनीतिक भविष्य को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। हाल ही प्रदेश की कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को लेकर काफी चर्चा रही है। सबके मन में एक ही सवाल रहा कि यहां से कौन? ऐसी ही एक लोकसभा सीट है मैनपुरी। राजनीतिक जानकार कई तरह के आकलन करते रहे। उनके आकलन के बीच एक नाम निकलकर आया वर्तमान बीजेपी सांसद ‘संघमित्रा मौर्य’ का। अटकलें लगाई जाने लगीं कि मौर्य को भाजपा, डिंपल यादव के सामने चुनावी समर में उतार सकती है।

मैनपुरी में खिलाएंगे कमल- मौर्य

इन अटकलों को लेकर पत्रकारों ने एक जनसभा में उनसे सवाल पूछा कि क्या वह मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगी? इस पर उन्होंने बिना किसी संकोच उत्तर दिया कि यदि पार्टी मैनपुरी से टिकट देती है तो तो वह वहां भी कमल खिला देंगी। हालांकि उनके इस उत्तर के पीछे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा साफ नजर आ रही थी। जो स्वाभाविक किसी भी नेता के अंदर होती है।

बदायूं से पार्टी ने काट दिया टिकट

इससे पहले जब बीजेपी ने उनके संसदीय क्षेत्र बदायूं से ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी घोषित किया था, तब वह निराश थीं। उनकी यह निराशा उस समय सामने भी आ
गई जब खुले मंच पर उनके आंसू छलक पड़े। हालांकि बदायूं में पार्टी प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य के चुनाव-प्रचार में उनकी लगातार सक्रियता दिखी।

मैनपुरी से बीजेपी प्रत्याशी घोषित

जब मैनपुरी से उनकी दावेदारी की चर्चा हुई तो एक बार फिर वह निराशा से बाहर निकलीं। अब बुधवार को बीजेपी ने मैनपुरी से योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद मौर्य की आखिरी उम्मीद भी अंधेरे में समा गई। जाहिर है पार्टी की तरफ से उन्हें यह झटका है। हालांकि अभी इस पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं आई है।

आइए जानते हैं कौन हैं संघमित्रा मौर्य

संघमित्रा मौर्य वर्तमान में बदायूं सीट से बीजेपी सांसद हैं। वह स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। उन्होंने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा के धर्मेंद्र यादव को हराकर जीत हासिल की थी। इससे पहले वर्ष 2014 में उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली थी।

हम परिवार और राजनीति साथ लेकर चलते है

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में मंच पर संघमित्रा के आंसू निकल गए जिस पर उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान दिया था कि वह इतनी कमजोर हैं कि उन्हें अपनी बेटी कहने में शर्म आती है। इस सवाल के जवाब में सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने कहा कि किन परिस्थितियों में किस तरह के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा यह तो वही बता सकते हैं। राजनीति और परिवार दोनों अलग है, दोनों में संतुलन बनाकर चलने की कोशिश कर रही हूं।

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