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आज है साल की सबसे बड़ी निर्जला एकादशी, जानिए इस तिथि का विशेष महत्व

लखनऊ। आज यानी 31 मई को निर्जला एकादशी है। निर्जला एकादशी का व्रत भगवन विष्णु को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। भारत समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी इसका विशेष महत्व है। यह एकादशी ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में कुल 24 एकादशियां […]

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  • May 31, 2023 6:49 am IST, Updated 2 years ago

लखनऊ। आज यानी 31 मई को निर्जला एकादशी है। निर्जला एकादशी का व्रत भगवन विष्णु को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। भारत समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी इसका विशेष महत्व है। यह एकादशी ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में कुल 24 एकादशियां होती हैं जिसमें निर्जला एकादशी को सबसे फलदायी माना जाता है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से व्रती के ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।

कठिन है व्रत रखना

यह व्रत थोड़ा कठिन होता है क्योंकि व्रती को एकादशी तिथि के सूर्योदय से लेकर अगले दिन द्वादशी के सूर्योदय तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए रहना पड़ता है। इसके नियम सभी एकदशी व्रतों में कठिन होता है। बिना जल और अन्न के भक्तों को व्रत रखना होता है। इससे उन्हें धन, सफलता, सौभाग्य और समृद्धि मिलती है।

पांडवों ने रखा था व्रत

इस व्रत को पांचो पांडवों ने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया था। जिस वजह से इसे पांडव निर्जला एकादशी या पांडव भीम एकादशी भी कहा जाता है। यह व्रत गंगा दशहरे के अगले दिन रखा जाता है। वैसे कभी कभी गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी एक ही दिन पड़ जाता है लेकिन इस बार अलग अलग दिन पड़ा है।


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