लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव और चौधरी जयंत में बात बिगड़ती दिख रही है। सियासी गलियारों में जयंत के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है। सियासी गलियों में भाजपा से नजदीकियां बढ़ने पर खूब तर्क किए जा रहे हैं। रालोद के रणनीतिकार भी असमंजस […]
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव और चौधरी जयंत में बात बिगड़ती दिख रही है। सियासी गलियारों में जयंत के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है। सियासी गलियों में भाजपा से नजदीकियां बढ़ने पर खूब तर्क किए जा रहे हैं। रालोद के रणनीतिकार भी असमंजस में हैं। लखनऊ में विधानसभा सत्र बीच में ही छोड़कर विधायकों को दिल्ली से बुलावा दिया गया था, लेकिन फिर एन वक्त पर इंतजार करने के लिए कह दिया गया। उठापटक के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
दो दिन पहले रालोद विधायकों को सत्र बीच में ही छोड़कर दिल्ली से बुलावा आया था। इस मुलाकात को गठबंधन से जोड़कर देखा गया, लेकिन इसी दौरान दिल्ली से दोबारा संदेश दिया गया कि अभी इंतजार करें। माना जा रहा है कि रालोद नेतृत्व अपने विधायकों से अलग-अलग राय लेकर ही अगला कदम उठाएगा।
रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने गणतंत्र दिवस के बाद एक्स पर भी कोई पोस्ट नहीं की है। इसी दौरान छपरौली में 12 फरवरी के कार्यक्रम को भी पीछे हटा दिया गया है। रालोद नेताओं ने अपने हिस्से में आई सभी सीटों पर जो सर्वे कराया, उसमें अपने ही प्रत्याशी लड़ाने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद असमंजस की स्थिति है।
रालोद अध्यक्ष के दांव को प्रेशर पॉलिटिक्स से भी जोड़कर देखा जा रहा है। समाजवादी पार्टी पर दबाव बनाने और मुजफ्फरनगर और हाथरस में अपने ही उम्मीदवार को लड़ाने का दबाव बनाने को इस नए घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है।
रालोद ने बीजेपी से गठबंधन में कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा सीट की मांग रखी है। बीजेपी की ओर से भी यह सीटें दिए जाने पर सहमति दिए जाने की बात सामने आई है। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी रखी जा रही है। प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी भी रालोद चाहता है।
पुरकाजी से अनिल कुमार, बुढ़ाना से राजपाल बालियान, खतौली से मदन भैया, छपरौली से अजय कुमार, मीरापुर से चंदन चौहान, शामली से प्रसन्न चौधरी, सिवालखास से गुलाम मोहम्मद, थानाभवन से अशरफ अली खान और शादाबाद से गुड्डू चौधरी विधायक हैं। राजस्थान के भरतपुर से डॉ. सुभाष गर्ग दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।