लखनऊ। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा से निष्काषित कर दी गईं हैं। महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है। वहीं हुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर तमाम विपक्षी दल भी बाहर आ गए। इधर सदस्यता रद्द होने पर विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हो गई है। इसी कड़ी में बसपा सांसद दानिश अली ने प्रतिक्रिया दी है।
गांधी-आंबेडकर की आत्मा रो रही होगी
बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि संसद तब अपमानित नहीं हुआ था क्या जब रमेश बिधूड़ी ने मुझे आपत्तिजनक शब्द बोले थे लेकिन उनको कुछ भी नहीं हुआ लेकिन महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी जाती है। आज गांधी और अंबेडकर की आत्मा रो रही होगी। इस दौरान दानिश अली गले में तख्ती लटकाये हुए थे। उन्होंने कहा कि मैंने यह पोस्टर इसलिए लगाया है क्योंकि समिति ने अपनी सिफारिश में मेरा भी उल्लेख किया है। मैं महुआ मोइत्रा को न्याय दिलाना चाहता हूं।
जानिए क्या बोलीं महुआ
वहीं टीएमसी सांसद के रूप में अपने निष्कासन पर महुआ मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने की कोई शक्ति नहीं है। यह बीजेपी के अंत की शुरुआत है। उन्होंने आगे कहा कि अगर मोदी सरकार ने सोचा है कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे से छुटकारा पा सकते हैं तो ऐसा नहीं होगा। अडानी का मुद्दा उठाने की वजह से मुझे संसद की सदस्यता से बर्खास्त किया गया।