लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद के काशी मथुरा देने पर बाकी की जगहों पर समझाने वाले बयान के बाद अब मथुरा, काशी, भोजशाला, संभल के याचिकाकर्ता हरि शंकर जैन ने बड़ा बयान दिया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा ना एक मंदिर छोड़ेंगे, ना एक इंच छोड़ेंगे, ना कोई समझा पाएगा, ना किसी की समझेंगे।
ईश्वर से लिया संकल्प टूटता नहीं है
ईश्वर के नाम पर लिया गया संकल्प, कभी समझौते से टूटता नहीं है। मीडिया से बात करते हुए हरि शंकर जैन ने कहा कि जो भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाएगा, उसमें एक भी मंदिर नहीं छोड़ेंगे और ना ही एक भी इंच छोड़ेंगे। उन्होंने कहा तीन दे दो तो बाकी छोड़ देंगे वाली विचारधारा गुलामी की निशानी है। इसके साथ ही यह आक्रांताओं का भय दिखाता है। हरि शंकर जैन का दावा है कि कुछ मुट्ठी भर लोग पूरे हिंदू समाज के प्रतिनिधि बनकर नहीं कह सकते हैं कि समझौता कर लेंगे।
मंदिरों को वापस लेने का संकल्प
हरि शंकर जैन के मुताबिक ऐसे हिंदू जो आज समझौता करने की बात कह रहे हैं वो अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। हरिशंकर जैन के मुताबिक जैसे अयोध्या काशी मथुरा का अपना महत्व है, वैसे ही बाकी के मंदिरों का भी उस स्थान पर रहने वालों के लिए महत्व है। जो मन्दिर को तोड़कर आज मस्जिद बनी है। ऐसे में जब तक जीवित रहूंगा तब तक जितने भी ऐसे मंदिर हैं 5 हजार, 10 हजार जो आज मस्जिद बने हैं उनकी कानूनी लड़ाई लडूंगा और उन्हें वापस लूंगा। हरि शंकर जैन के मुताबिक उन्होंने संकल्प लिया है कि सभी मंदिरों को वापस लेंगे।
इतिहास के साथ हो रही ज्यादती
ईश्वर के नाम पर लिया गया संकल्प टूटता नहीं है। ऐसे में कोई अगर सोचता है कि हमें समझा लेगा तो यह सोचना गलत है। ना कोई समझा पाएगा और ना ही हम समझेंगे। इसके साथ ही हरि शंकर जैन के मुताबिक जो लोग हिंदुओं को समझौता करने के बारे में सिखा रहे हैं या समझा रहे हैं वो इतिहास के साथ ज्यादती कर रहे हैं। इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।