लखनऊ। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha)की विधियां आज यानी मंगलवार से शुरू हो गई है। अनुष्ठान 16 से 22 जनवरी तक होगा। आज सरयू के पवित्र जल से राम मंदिर को धोया गया है। इसे पहले राम जन्मभूमि परिसर की सफाई की गई। वहीं गुजरात से लाई गईं 108 फीट की अगरबत्ती जला दी गई है। महंत नृत्यगोपाल दास ने इस अगरबत्ती को जलाया।
जानिए इसकी खासियत
बता दें कि यह अगरबत्ती डेढ़ महीने तक 50 किमी क्षेत्र में अपनी खुशबू फैलाएगी। इसे बनाने में 6 महीने का समय लगा है। इसका वजन 3610 किलो है जबकि लंबाई 108 फ़ीट है। वहीं इसकी चौड़ाई करीब साढ़े तीन फीट है। इसको बनाने में देसी गाय का गोबर, देसी गाय का घी, धूप सामग्री समेत कई तरह की जड़ी-बूटियों का प्रयोग हुआ है। यह अनवरत डेढ़ महीने तक जलती रहेगी और 50 किमी क्षेत्र में अपनी खुशबू फैलाएगी।
पवित्र नदियों का जल पहुंचा अयोध्या
बता दें कि भारत की सभी प्रमुख नदियों का जल अयोध्या पहुंच चुका है। इन जलों से रामलला का अभिषेक किया जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और नृत्यगोपाल दास अपने विचार रखेंगे। वहीं प्राण-प्रतिष्ठा से पहले रामलला की प्रतिमा की जल वास, अन्न वास, शैया वास, औषधि वास और फल वास पूजा होगी। प्रकांड विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ द्वारा तय मुहूर्त के अनुसार दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।