लखनऊ: नया साल 2025 महज 48 घंटे में शुरू होने वाला है। इस अवसर का जश्न मनाने और एक-दूसरे को बधाई देने के लिए होटलों, रिसॉर्ट्स और पर्यटन स्थलों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बीच चश्मे दारुल इफ्ता के हेड मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवा […]
लखनऊ: नया साल 2025 महज 48 घंटे में शुरू होने वाला है। इस अवसर का जश्न मनाने और एक-दूसरे को बधाई देने के लिए होटलों, रिसॉर्ट्स और पर्यटन स्थलों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बीच चश्मे दारुल इफ्ता के हेड मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवा जारी किया है. कहा गया है कि नये साल का जश्न मनाना, बधाई देना और जुलूस निकालना इस्लामी शरीयत की रोशनी में नाजायज है.
फतवे में कहा गया है कि नया साल जनवरी से शुरू होता है जो ईसाइयों का नया साल है. ईसाइयों की धार्मिक मान्यता है कि वे हर साल के पहले दिन को मनाते हैं और इस पर कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं। यह पूरी तरह से ईसाइयों का धार्मिक आयोजन है, इसलिए मुसलमानों के लिए नए साल का जश्न मनाना जायज़ नहीं है. इस्लाम ऐसे कार्यक्रमों पर सख्ती से रोक लगाता है।
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवे में कहा- नए साल का जश्न मनाना, एक-दूसरे को बधाई देना, पटाखे फोड़ना, ताली बजाना, शोर मचाना, सीटियां बजाना, लाइटें बंद करके फिर चालू करके हंगामा करना, नाचना-गाना, शराब पीना, जुआ खेलना, व्हाट्सएप के माध्यम से संदेश भेजकर एक-दूसरे को बधाई देना, ये सभी कार्य इस्लामी शरिया की रोशनी में नाजायज हैं।
फतवे में मुसलमानों से कहा गया है कि वे दूसरों के धार्मिक त्योहारों में शामिल होने से बचें, या उन्हें खुद न मनाएं, न ही उनका पालन करें और दूसरे मुसलमानों को भी ऐसा करने से रोकें. अगर कोई व्यक्ति ऐसा गैर शरई कृत्य करता है तो वह गंभीर अपराधी होगा. मुसलमानों को शरीयत के खिलाफ कोई काम नहीं करना चाहिए.