लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए 16 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें बदायूं से सपा ने एक बार फिर पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि उनका नाम पहले से ही तय माना जा रहा था, फिर भी तमाम अटकलें लगाई जा रही थीं। घोषणा के […]
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए 16 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें बदायूं से सपा ने एक बार फिर पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि उनका नाम पहले से ही तय माना जा रहा था, फिर भी तमाम अटकलें लगाई जा रही थीं। घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने बदायूं से पहली बार वर्ष 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसमें उन्हें जीत हासिल हुई। इसके बाद 2014 में मोदी लहर के बावजूद वह दोबारा बदायूं से सांसद बने। तीसरी बार 2019 में फिर उन्हें सपा का उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन वह बीजेपी प्रत्याशी डॉ. संघमित्रा मौर्य से हार गए थे। अब 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर हैं। अभी तक किसी पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की लेकिन समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को पहली सूची जारी कर सपा कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया। जैसे ही सूची में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का नाम कार्यकर्ताओं ने देखा तो खुशी की लहर दौड़ गई। सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा नेता धर्मेंद्र यादव की जीत होने पर जिले में एक बार फिर विकास रफ्तार पकड़ेगा। बिसौली विधायक आशुतोष मौर्य ने कहा कि विकास का दूसरा नाम ही धर्मेंद्र यादव है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चुनाव की तैयारी में जुटने की अपील की।
बदायूं लोकसभा सीट के लिए अब तक 17 बार चुनाव हुआ है। जिनमें सबसे ज्यादा 6 बार समाजवादी पार्टी विजयी रही। 5 बार कांग्रेस जीती। दो बार भाजपा ने जीत हासिल की। एक बार भारतीय जनसंघ, एक बार जनसंघ, एक बार भारतीय लोकदल और एक बार जनता दल ने भी यहां से जीत दर्ज की है। समाजवादी पार्टी के सलीम इकबाल शेरवानी बदायूं से लगातार चार बार सांसद रहे। इनके बाद लगातार दो बार धर्मेंद्र यादव ने जीत दर्ज की थी।
आंवला लोकसभा क्षेत्र में जिले की शेखूपुर और दातागंज विधानसभा लगती है। पिछली बार समाजवादी पार्टी-बसपा का गठबंधन होने के कारण आंवला सीट से बहुजन समाज वादी पार्टी की रुचिवीरा चुनाव लड़ी थीं, जबकि बदायूं सीट सपा के खाते में आई थी। इस बार आंवला से पूर्व विधायक आबिद रजा टिकट के दावेदार हैं। मुस्लिमों पर अच्छी पकड़ होने से उनका दावा पक्का माना जा रहा है। धर्मेंद्र यादव से उनका मनमुटाव भी अब सार्वजनिक तौर पर खत्म होता दिखा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सपा उन्हें आंवला से चुनाव मैदान में उतार सकती है।