लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सपा को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल लखीमपुरी खीरी में सपा के नेता और चार बार सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वहीं अटकलें लगाई जा रही है कि वो सोमवार यानी 6 नवंबर को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। […]
लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सपा को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल लखीमपुरी खीरी में सपा के नेता और चार बार सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वहीं अटकलें लगाई जा रही है कि वो सोमवार यानी 6 नवंबर को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। लखीमपुर खीरी की सीट पर वर्मा परिवार का दबदबा पिछले 50 सालों से रहा है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में रवि प्रकाश वर्मा ने लिखा कि आपको अवगत कराना चाहता हूं कि खीरी में पार्टी की आंतरिक परिस्थितियों की वजह से मैं कार्य करने में असमर्थ हूं। इसलिए सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। मालूम हो कि रवि प्रकाश वर्मा के माता-पिता भी सांसद रह चुके हैं। उनकी बेटी पूर्वी वर्मा भी सपा छोड़ सकती है।
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में रवि प्रकाश वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा पर सपा ने भरोसा जताया था। सपा-बसपा की तरफ से पूर्वी संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरी थी लेकिन उन्हें हार का का मुंह देखना पड़ा।बीजेपी उम्मीदवार अजय मिश्र टेनी ने गठबंधन प्रत्याशी पूर्वी वर्मा को पराजित कर दिया। डॉ. पूर्वी वर्मा को 3,67,516 वोट मिले थे। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव से पहले वर्मा परिवार ने सपा का साथ छोड़ दिया है।
बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने खीरी सीट से लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर रवि प्रकाश वर्मा की जगह पर किसी और नेता को अहमियत दी है। रवि प्रकाश ने भी इस सीट से दावेदारी ठोकी थी। अपनी अनदेखी होता देखकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।
बता दें कि रवि प्रकाश वर्मा के पिता बालगोविंद वर्मा खीरी सीट पर 1962 से 1971 तक और फिर 1980 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते। उनकी पत्नी उषा वर्मा भी तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उनके बेटे रवि प्रकाश वर्मा ने 1998, 1999 और 2004 में सपा नेता के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2019 के चुनाव में उनकी बेटी को इस सीट से उतारा गया था लेकिन वो चुनाव हार गईं।