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KGMU: वेंटिलेटर न मिलने से 2 लोगों की हुई मौत, तीमारदार भटकते रहे ट्रॉमा सेंटर

लखनऊ। लखनऊ के KGMU ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट के डॉक्टरों पर दो महिला मरीजों की मौत के मामले में लापरवाही का आरोप लगा है। दोनों मरीज ट्रॉमा में भर्ती थीं और उनकी सांस एंबुबैग पर निर्भर थी। भटकते रहे तीमारदार KGMU ट्रॉमा सेंटर में 2 महिलाओं की वेंटिलेटर न मिलने से मौत हो […]

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  • December 30, 2023 4:52 am IST, Updated 1 year ago

लखनऊ। लखनऊ के KGMU ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट के डॉक्टरों पर दो महिला मरीजों की मौत के मामले में लापरवाही का आरोप लगा है। दोनों मरीज ट्रॉमा में भर्ती थीं और उनकी सांस एंबुबैग पर निर्भर थी।

भटकते रहे तीमारदार

KGMU ट्रॉमा सेंटर में 2 महिलाओं की वेंटिलेटर न मिलने से मौत हो गई। तीमारदारों का आरोप हैं कि वेंटिलेटर के लिए ट्रॉमा सेंटर में रात भर भटकते रहे, गुहार लगाते रहे। मगर कोई सुनवाई नही हुई। चिकित्सा विश्वविद्यालय में ऐसे हालात तब हैं जब स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की तरफ से तमाम अवसरों पर गंभीर मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

नहीं मिला वेंटिलेटर

किडनी रोग से पीड़ित थी मानभावती, जिसकी अचानक तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें केजीएमयू में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर पति ने उन्हें सोमवार को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। जांच में क्रिटनिन लेवल काफी बढ़ा पाया गया। मनभावती बेहोशी की हालत में पहुंच गईं। ट्रॉमा सेंटर के ट्रायज एरिया में मौजूद डॉक्टरों की टीम ने उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत बताई। रेफरल लेटर बनाकर ट्रॉमा के पांचवें व तीसरे तल की वेंटिलेटर यूनिट में भेजा।

एंबुबैग के सहारे चलती रही सांस

पति अशोक का कहना है कि 3 तल की यूनिट में कोई भी बेड खाली नहीं था। वहीं, 5वें तल पर 4 बेड खाली पड़े थे। वहां कई बार रेफरल लेटर लेकर गए, मगर हर बार खाली नहीं होने की बात कहकर वापस कर दिया गया। मनभावती तीन दिन तक ट्रॉयज एरिया में एंबुबैग के सहारे पड़ी रहीं। बृहस्पतिवार देर रात उनकी मौत हो गई। पति ने पांचवें तल पर स्थित क्रिटिकल केयर यूनिट पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

36 घंटे तक किया इंतजार

लखीमपुर खीरी की रहने वाली लज्जावती को झटके आने की शिकायत थी। परिजन पहले नजदीकी निजी अस्पताल ले गए। वहां से मरीज को बुधवार रात ट्रॉमा रेफर कर दिया गया था। यहां पर मरीज को ट्रॉयज एरिया में रखा गया। ट्रॉयज एरिया से वेंटिलेटर के लिए रेफरल लेटर तीसरे और पांचवें तल पर भेजा गया। भतीजे दिलीप का आरोप है कि 5 वें तल का स्टाफ वेंटिलेटर खाली नहीं होने की बात कहकर लौटाता रहा, जबकि विभाग में बेड खाली पड़े थे। वेंटिलेटर नहीं मिलने से शुक्रवार दोपहर लज्जावती की जान चली गई। बता दें, दो महिलाओं ने वेंटिलेटर न मिलने पर जान गवा दी।

आरोप सही पाए गए तो होगी कार्रवाई

वेंटिलेटर खाली होने के बाद भी मुहैया न कराए जाने का मामला गंभीर है। जांच में आरोप सही पाए गए तो सख्त कार्रवाई होगी।
प्रो. सोनिया नित्यानंद, कुलपति, केजीएमयू


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