लखनऊ। वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में स्थिति व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार दिया है। इसके बाद से वहां पर पूजा-पाठ शुरू कर दिया गया है। इसी बीच काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र पांडे ने व्यासजी तहखाने का नया नाम दिया है।
ताल गृह कहा जाएगा व्यासजी का तहखाना
डॉ. नागेंद्र पांडे ने कहा कि किसी का भी नामकरण तभी किया जाता है जब उसे पुकारना हो। मुख्य मंदिर के नीचे के भाग को भूतल कहा जाता है। मुझे लगता है कि इसे(व्यास जी का तहखाना) भूतल कहने के बजाय ‘ताल गृह’ या ‘ताल घर’ कहा जाना चाहिए, यह बहुत अच्छा नाम है। ये शब्द शुद्ध है और उसका अर्थ भी शुद्ध है।
31 साल बाद आया ऐतिहासिक फैसला
बता दें कि 1 फरवरी को 31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना शुरू हुई। तड़के ही लोग बड़ी संख्या में ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा करने के लिए पहुंचे। बुधवार को वाराणसी जिला कोर्ट के जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए हिंदुओं को व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया। पिछले 31 सालों यानी कि 1993 से तहखाने में पूजा-पाठ बंद था। इधर कुछ युवकों ने रात में ज्ञानवापी की तरफ जाने वाले मार्ग पर साइन बोर्ड को ज्ञानवापी मंदिर मार्ग लिख दिया है।