लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज ज्ञानवापी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना जायज नहीं है। अगर आप इसे मस्जिद कहते है तो विवाद होंगे ही। इसके अलावा इस मसले को सुलझाने के लिए उन्होंने मुस्लिम समुदाय को आगे आने को कहा है। इस मामले में सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है।
ज्ञानवापी मस्जिद ही है
ज्ञानवापी पर सीएम योगी के दिये बयान को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद है इसलिए मामला कोर्ट में पहुंचा। अगर वहां पर मस्जिद नहीं होती तो केस कोर्ट में न जाता। वहां पर अभी भी 5 वक्त की नमाज पढ़ी जा रही। जब तक इस मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक वो ज्ञानवापी मस्जिद है।
निर्णय उच्च न्यायालय पर
स्वामी प्रसाद ने सीएम योगी पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उच्च न्यायालय से बड़े नही हैं। पूरा निर्णय उन्हें उच्च न्यायालय पर छोड़ देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर का सर्वे होना चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू को मंदिर जाने से रोका गया। आदिवासी, दलितों और पिछड़ों का अपमान हुआ ये सब धर्म के ठेकेदारों को नहीं दिखता है।
बौद्ध स्थलों को तोड़कर बनाया गया मंदिर
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि सीएम आवास को गंगाजल और गोमूत्र से धोया गया है। एक वर्ग के लिए हिंदू धर्म बनाया गया है। भारत की पहचान बौद्ध दर्शन से और बुद्ध से है। अगर हिंदू-बौद्ध एक हैं तो बौद्ध धर्मस्थल क्यों तोड़े गये। बौद्ध धर्म स्थलों को तोड़कर वहां पर मंदिर क्यों बनाया गया।