लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI की टीम ने शुरू कर दिया है। सील वजूस्थल के अलावा पूरे परिसर का सर्वे हो रहा है। शुरुआती 3 घंटे पूरे हो चुके हैं। सर्वे के दौरान फीता लेकर पूरे परिसर को नापा गया है। पूरी एक्टिविटी रिकॉर्ड करने के लिए 4 स्टैंड कैमरे परिसर के चारों कोने पर लगे हुए हैं। तहखाने में अंधेरा ज्यादा था जिस वजह से सर्वे के दौरान दिक्कत का सामना करना पड़ा। टार्च और अन्य लाइट की रोशनी भी कम पड़ गयी। दूसरी तरफ जिला जज के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
ईंट-पत्थरों की नापी गयी ऊंचाई
वहीं ASI की 4 टीमें ने परिसर को चार हिस्सों में बांट कर सर्वे कर रही है। परिसर में लगे ईंट-पत्थरों की ऊंचाई नापी गयी है। नींव के पास से मिट्टी का सैंपल लिया है। चारों तरफ की दीवारों की फोटो-वीडियोग्राफी की गयी है। सीढ़ियों पर लगे पत्थर का नमूना लिया गया है। गौरतलब है कि 30 सदस्यीय ASI की टीम सोमवार सुबह 6.30 बजे ज्ञानवापी परिसर में पहुंच गयी थी। 7 बजे से सर्वे शुरू कर दिया गया है। सर्वे और सावन के मद्देनजर वाराणसी को हाईअलर्ट मोड पर रखा गया है। परिसर के बाहर और आसपास में 2 हज़ार से अधिक जवान तैनात किये गये हैं।
प्रशासन ने दोनों पक्षों के वकील से की बात
बता दें कि रविवार की रात में पटना, आगरा और दिल्ली से ASI टीम वाराणसी पहुंची। जहां पर उन्होंने DM, कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर के साथ बैठक की। इस दौरान प्रशासन की तरफ से हिंदू और मुस्लिम पक्षों के वकीलों को बुलाया गया। जिसमें हिंदू पक्ष ने सर्वे में सहयोग करने की बात कही जबकि मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज के फैलसे के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की बात कही। दरअसल मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेशनुसार आगे बढ़ेंगे।