लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब भगोड़ा अपराधी भी अग्रिम जमानत के लिए अर्जी डाल सकता है। कोर्ट का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 438 के तहत भगोड़ा अपराधी को भी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने से मना नहीं कर सकते।
जानिए क्या था मामला
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 82 और 438 अपराधियों द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन दाखिल करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाती है। बता दें कि कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। उदित आर्य के ऊपर अपनी पत्नी की दहेज हत्या का मामला दर्ज है। मामला मेरठ के गंगानगर थाने का है, जहां के युवक की जमानत याचिका को कोर्ट ने मंजूरी दे दी। उसके ऊपर अपनी पत्नी की हत्या को लेकर आईपीसी की धारा 498-ए, 304-बी व 3/4 DP एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज था।