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शीतकालीन सत्र पहले CM योगी ने विपक्ष की दी नसीहत, सदन की गरिमा बनाए रखे

लखनऊ। यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज यानी 28 नवंबर से शुरू हो रहा है। यह सत्र 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा। सदन की कार्रवाई लगातार चार दिनों तक चलेगी। इस बार विधानसभा सेशन नए नियमों के साथ ऑपरेट होगा। पिछले सेशन के दौरान बदलावों को अनुमति मिल गई थी। अब नए सेशन […]

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Yogi Adityanath
  • November 28, 2023 6:02 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज यानी 28 नवंबर से शुरू हो रहा है। यह सत्र 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा। सदन की कार्रवाई लगातार चार दिनों तक चलेगी। इस बार विधानसभा सेशन नए नियमों के साथ ऑपरेट होगा। पिछले सेशन के दौरान बदलावों को अनुमति मिल गई थी। अब नए सेशन में इन नियमों को लागू कर दिया जायेगा। वहीं शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सीएम योगी ने प्रतिक्रिया दी है।

सदन की गरिमा बनाए रखे विपक्ष

सीएम योगी ने सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस सेशन में लंबित विधायी कार्य पूरे किए जाएंगे। मैं सभी सदस्यों का स्वागत करता हूं कई विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे। विपक्षी दलों के सदस्य सदन की गरिमा को बनाए रखे, इसी सदन में पहले मारपीट हुई थी लेकिन अब चर्चा-परिचर्चा हो रही। लोक कल्याण के मुद्दों पर सदन में चर्चा होगी। विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया जायेगा।

जाति जनगणना और आरक्षण का मुद्दा उठाया

उधर, मीडिया से बात करने के दौरान सपा प्रमुख ने कहा कि सरकार विपक्ष का सामना करना नहीं चाहती है। तमाम समस्याओं पर चर्चा होना बेहद जरूरी है। सरकार विपक्ष के सवालों से बच रही है। उत्तर प्रदेश में इंवेस्टमेंट कहीं नहीं दिख रहा। किसानों और बेरोजगारों की सुनने वाला कोई नहीं है। आवारा जानवरों से किसानों की मौत हो रही है लेकिन सरकार चुप है। इस दौरान अखिलेश ने जाति जनगणना और आरक्षण का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने नई नियमावली लाकर विरोध-प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।

इन चीजों पर रहेगी रोक

आज सत्र के पहले दिन भूतपूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया जाएगा जबकि 29 नवंबर को अध्यादेश,अधिसूचनाएं पटल पर रखी जाएंगी। वहीं 30 नवंबर को अनुपूरकों अनुदानों पर चर्चा होगी। 1 दिसंबर को सदन में विधायी कार्य निपटाए जायेंगे। बता दें कि इस बार सदन में झंडे, बैनर और मोबाइल पर रोक रहेगी। दस्तावेजों को फाड़ने की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त महिला विधायकों को बोलने में खास वरीयता दी जाएगी।


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