लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कब्जे के लिए महिला का घर जाने के मामले में 7 साल की सजा काट रहे इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर कर ली है। वहीं कोर्ट ने सजा पर रोक नहीं लगाई है। साथ ही सजा बढ़ाने की राज्य सरकार की अपीस 4 सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
खुली अदालत में फैसला सुनाया
यह आदेश जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को खुली अदालत में सुनाया। खंडपीठ ने इरफान सोलंकी और राज्य सरकार की अपीलों पर लंबी सुनवाई के बाद 8 नवंबर को फैसला अपने पास सुरक्षित रख लिया था। मामले के तथ्यों के मुताबिक कानपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी निवासी नजीर फातिमा ने घर जलाने के मामलेमें विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत 5 लोगों को सात जुलाई 2024 को सात साल की सजा सुनाई है।
स्पेशल कोर्ट में आदेश को चुनौती
हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर स्पेशल कोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी गई है। अपील में सजा रद्द करने और आखिरी फैसला आने तक जमानत देने व सजा पर रोक लगाने की मांगी की गई। वहीं राज्य सरकार ने सजा बढ़ाकर उम्रकैद करने की मांग से अपील दायर की। जाजामऊ की डिफेंस कॉलोनी की निवासी नजीर फातिमा ने घर जलाने के मामले में कानपुर की सीसामऊ विधानसभा के निवर्तमान विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी पर मुकदमा दर्ज कराया था।