लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। वह लगातार कानूनी शिकंजे में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। 5 महीने के अन्दर कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को दूसरी दफा दोषी माना है, जबकि पूर्व चेयरमैन अजहर अहमद खां और रिटायर्ड सीओ आले हसन को […]
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। वह लगातार कानूनी शिकंजे में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। 5 महीने के अन्दर कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को दूसरी दफा दोषी माना है, जबकि पूर्व चेयरमैन अजहर अहमद खां और रिटायर्ड सीओ आले हसन को पहली दफा दोषी माना है। कोर्ट अब 18 मार्च को सजा सुनाएगी। सपा नेता आजम खां पर रामपुर समेत अन्य जिलों में करीब 100 मामले दर्ज हैं। अपने बेटे अब्दुल्ला आजम खां के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में कोर्ट ने 18 अक्टूबर को 7 साल की कैद व 50 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी।
बता दें इस पूरे मामले में वह सीतापुर जेल में बंद हैं, जबकि मिलक थाने में दर्ज नफरती भाषण के मामले में निचली अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि सेशन कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया था। अपील हाईकोर्ट में लंबित हैं। शहजादनगर थाने में दर्ज नफरती भाषण के एक अन्य मामले में सपा नेता आजम खां की सजा को बरकरार करते हुए 23 जनवरी को उनकी अपील खारिज कर दी थी। इसके अलावा मुरादाबाद की कोर्ट ने सड़क जाम करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में भी आजम खां के साथ ही अब्दुल्ला आजम को भी सजा सुनाई जा चुकी है। इस तरह अब तक आजम खां को चार मामलों में सजा हो चुकी है,जबकि दो मामलों में वह बरी भी हो चुके हैं। हालांकि पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां और रिटायर्ड सीओ आले हसन पहली दफा किसी मामले में दोषी ठहराए गए हैं।
कोर्ट द्वारा सपा नेता आजम खां समेत चार आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद सभी आरोपियों के चेहरे की रंगत उड़ गई। सबसे ज्यादा तनाव पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां और रिटायर्ड सीओ आले हसन के चेहरे पर दिखा। हालांकि 3 आरोपियों के बरी होने के बाद उन्होंने राहत की भी सांस ली। कड़ी सुरक्षा के बीच सपा नेता आजम खां को सीतापुर जेल से शनिवार दोपहर करीब तीन बजे कोर्ट में पेश किया गया, जबकि इससे पहले पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अमहद खां को बिजनौर जेल से लाया गया था। इसके अलावा अन्य सभी आरोपी जमानत पर होने की वजह से बाहर थे। वह खुद ही कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सुनवाई शुरू की और आजम खां समेत 4 आरोपियों को दोषी करार देते हुए अभिरक्षा में ले लिया गया। इस दौरान उनके चेहरे की रंगत बदलती रही। शाम पांच बजे सभी चार आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया। कोर्ट चारों आरोपियों को 18 मार्च को सजा सुनाएगी।
डूंगरपुर प्रकरण के मुकदमे की सुनवाई के दौरान सपा नेता आजम खां को सीतापुर की जेल से पेशी पर लगाया गया। अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में कोर्ट से 7 साल की सजा सुनाए जाने के बाद से आजम खां सीतापुर की जेल में बंद हैं। कोर्ट ने इस मामले में आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को भी सात-सात साल की सजा सुनाई थी। अब्दुल्ला हरदोई और डॉ. फात्मा रामपुर की जेल में बंद हैं।
सपा की पिछली सरकार में गंज थाना क्षेत्र के डूंगरपुर में आसरा आवास बनाने के लिए वहां पर पहले से रह रहे लोगों को घरों पर बुलडोजर चलवा दिया गया था और उनका सामान लूट लिया गया था। इस मामले में 2019 में अलग-अलग 12 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इन मुकदमों में आजम खां को आपराधिक षड़यंत्र रचने का आरोपी बनाया गया था।