लखनऊ। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की कार पर बुधवार को कुछ लोगों ने यूपी के देवबंद में फायरिंग कर दी। अज्ञात हमलावर सफ़ेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार से आए थे। उन्होंने अचानक से चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर गोलियां बरसा दी। हमलवारों की तरफ से चार राउंड फायरिंग की गई जिसमें से एक […]
लखनऊ। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की कार पर बुधवार को कुछ लोगों ने यूपी के देवबंद में फायरिंग कर दी। अज्ञात हमलावर सफ़ेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार से आए थे। उन्होंने अचानक से चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर गोलियां बरसा दी। हमलवारों की तरफ से चार राउंड फायरिंग की गई जिसमें से एक गोली आजाद की कमर को छूते हुए निकल गई। इस घटना में वो घायल हो गए और फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।
इस जानलेवा हमले के बाद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद का नाम फिर से सुर्ख़ियों में आ गया है। सहारनपुर के एक छोटे गांव से लड़का आज के समय में इतना बड़ा नाम कैसे बन गया। आइए जानते है उनके सफर के बारे में।
बता दें कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद इससे पहले भी कई बड़े अखबारों और वेबसाइट्स की हैडलाइंस में आ चुके हैं। उन्होंने अक्सर दलितों और पिछड़ों के विभिन्न मुद्दों व मामलों पर आवाज उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है। प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन द्वारा जारी की गई दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में भी उनका नाम शामिल किया जा चुका है।
सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद चंद्रशेखर आजाद का नाम चर्चा में आया था। इसके बाद उनके ऊपर रासुका लगाया गया। जिस वजह से 16 महीने तक जेल में रहना पड़ा। घड़कोली गांव के रहने वाले चंद्रशेखर आजाद ने देहरादून से एलएलबी की पढ़ाई की है। साल 2015 में उन्होंने भीम आर्मी भारत एकता मिशन का गठन किया था।