Sunday, November 24, 2024

जाति की दीवार नहीं लांघ पाए अतुल-पारुल, दोनों ने राजधानी एक्सप्रेस से कटकर दी जान

लखनऊ। औरैया के अछल्दा के घसारा हॉल्ट से कुछ दूर रेलवे ट्रैक पर बुधवार को दो शव मिले। दोनों की सिर कटी हुई थी। युवक का दायां हाथ युवती के बाएं हाथ से दुप्पटे से बंधा हुआ था। दोनों प्रेमी-प्रेमिका थे और साथ नहीं जी पाने के कारण साथ में जान दे दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दोनों शवों की शिनाख्त कराई तो प्रेम कहानी का खुलासा हुआ। औरैया पुलिस ने बुधवार शवों का पोस्टमॉर्टम करके दोनों के परिजनों को सौंप दिया। पुलिस को जांच के दौरान इस प्रेम कहानी के बारे में कई जानकारी मिली। चलिए सिलसिलेवार तरीके से आपको बताते हैं।

जानिए पूरा मामला

कानपुर देहात के अकबरपुर के विगाही गांव के अतुल (24 )और पारुल (20) ने राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी। पारुल ने अपने दुपट्टे से अतुल का दायां हाथ बांधा और दोनों साथ में रेलवे ट्रैक पर लेट गये। स्थानीय पुलिस और जीआरपी ने दोनों के शव को रेलवे ट्रैक से बरामद किया। उनके पास मोबाइल फोन और बैग पड़ा हुआ था। इस वजह से दोनों प्रेमी जोड़ों की शिनाख्त हो पाई। पुलिस ने दोनों के परिजनों को सूचना दी। तब जाकर पता चला कि दोनों 10 जून को घर से भागे थे। लड़की के पिता ने थाने जाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखवाई थी।

3 साल की प्रेम कहानी इस तरह हुई खत्म

बताया जा रहा है कि अतुल और पारुल की प्रेम कहानी 3 साल पहले शुरू हुई थी। विगाही गांव के रमाकांत अग्निहोत्री ने 4 साल पहले कबरपुर के कन्हैया नगर में एक मकान बनवाया था। यहीं वो अपने बेटे अतुल के साथ रहते थे। इसी मोहल्ले में रहने वाले सरकारी टीचर जोगेंद्र सिंह की बेटी पारुल से अतुल को प्यार हो गया। पारुल जब स्कूल-कोचिंग जाती थी तो अतुल ही उसे छोड़ने जाता था। जिसके बाद दोनों के प्रेम के चर्चे हने लगे। धीरे-धीरे ये बात पूरे इलाके में फ़ैल गई। दोनों के परिजनों को जब इस घटना के बारे में पता चला तो वो आमने-सामने आ गए।

शादी के बीच में आई जाति

पारुल और अतुल अलग-अलग जाति के थे। इस वजह से दोनों परिवार में लड़ाई हो गई। पारुल के घर वालों ने पढ़ाई -लिखाई छुड़वा दी और घर बैठा दिया। इधर अतुल के पिता ने उसे गांव भेज दिया और वो वहीं खेतीबाड़ी करने लगा। वर्ष 2021 में अतुल के घरवालों ने उसकी शादी करा दी लेकिन वो अपनी प्रेमिका को नहीं भूल पाया। दोनों चोरी-छिपे मिलते रहते थे। 10 जून को दोनों घर छोड़कर निकल गए, तीन दिन साथ में रहे। जिसके बाद दोनों ने ट्रेन में कटकर जान दे दी। अतुल का हाथ पारुल के हाथों से पीले रंग के दुपट्टा से बंधा हुआ था। इस हादसे में पारुल का सिर और एक हाथ कटकर अलग हो गया था।

एकदूसरे की तरफ नहीं देखे दोनों के परिजन

वहीं अतुल के परिजन बेटे की मौत की सूचना मिलते ही पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गए लेकिन पारुल के परिवार वाले बहुत देर बाद आये। पहले तो पारुल के परिवार वालों ने शव लेने से इंकार कर दिया लेकिन बाद में समाज के दबाव में वो वहां पहुंचे। हालांकि इस दौरान अतुल-पारुल के परिजन आमने सामने हुए लेकिन दोनों ने एक दूसे की तरफ देखना भी पसंद नहीं किया। उनका जातीय प्रेम बच्चों की मौत के बाद ही खत्म नहीं हुई।

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