लखनऊ। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण( ASI) की टीम आठवें दिन के सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर पहुंच गयी है। इस दौरान ज्ञानवापी के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। एएसआई की एक टीम पश्चिमी दीवार के भीतरी हिस्से में ऊपर और नीचे के तहखाने की जांच करने में लगी हुई है। थ्रीडी मैपिंग से […]
लखनऊ। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण( ASI) की टीम आठवें दिन के सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर पहुंच गयी है। इस दौरान ज्ञानवापी के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। एएसआई की एक टीम पश्चिमी दीवार के भीतरी हिस्से में ऊपर और नीचे के तहखाने की जांच करने में लगी हुई है।
इससे पहले बुधवार को एएसआई की टीम ने बुधवार को तहखानों की दीवारों और सतह की थ्रीडी मैपिंग की। इस दौरान पश्चिमी दीवार और तहखानों के पास पड़े मलबे को रिकॉर्ड में दर्ज किया। करीब सात घंटे तक चले सर्वे में परिसर के हर हिस्से की फोटो और वीडियोग्राफी हुई। उन्होंने सतह से लेकर निर्माण तक के आकलन को ट्रोपोग्राफी शीट पर उतारा।
वहीं अब ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार(GPR) तकनीक से सर्वे किया जायेगा। इसके लिए आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञों की टीम वाराणसी पहुंचेगी। दरअसल ASI ने आईआईटी कानपुर से ज्ञानवापी सर्वे में मदद मांगी है क्योंकि आईआईटी के पास आधुनिक रडार है। जीपीआर तकनीक की मदद से खुदाई के बिना जमीन के नीचे का सच पता लगाया जा सकता है।