लखनऊ। यूपी के कई जिलों में प्रशासन ने अवैध ढांचों और गैर अनुमत से चल रहे मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती जैसे सीमावर्ती जिलों में कई मदरसों को सील कर दिया गया है। वहीं कुछ मस्जिदों और अन्य निर्माणों को नोटिस भेजकर कार्रवाई की तैयारी […]
लखनऊ। यूपी के कई जिलों में प्रशासन ने अवैध ढांचों और गैर अनुमत से चल रहे मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती जैसे सीमावर्ती जिलों में कई मदरसों को सील कर दिया गया है। वहीं कुछ मस्जिदों और अन्य निर्माणों को नोटिस भेजकर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
यूपी सरकार ने भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में अतिक्रमणों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई की है। इस अभियान के तहत न केवल अवैध रूप से संचालित मदरसों को सील किया गया, बल्कि अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों और अतिक्रमणों को हटाया गया है। जानकारी के मुताबिक बहराइच के मोतीपुर में स्थित दारुल उलूम अज़ीज़िया हदीक़तुल नोमान नाम के मदरसे को प्रशासन ने सील कर दिया है। प्रशासन ने यह कार्रवाई मदरसे के नियमों के उल्लंघन करने के कारण उठाई है।
इसके अलावा बहराइच की तहसील नानपारा और मिहींपुरवा में अब तक 117 अतिक्रमणों को हटाया गया है। बहराइच के अतिरिक्त सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और महाराजगंज जिलों में भी प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। बलरामपुर में 20 मदरसों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। क्योंकि वे बिना किसी वैध दस्तावेज के चल रहे थे। दो अन्य मदरसों को नोटिस जारी कर दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है। नहीं तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सिद्धार्थनगर में तीन मस्जिदों और 14 मदरसों को अवैध निर्माण के तहत 28 अप्रैल को नोटिस भेजा गया था। अब इन पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। वहीं, श्रावस्ती जिले में एक मस्जिद और 33 मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बहराइच के एसपी आरएन सिंह ने कहा कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। महाराजगंज के नौतनवां, निचलौल और फरेंदा क्षेत्रों में भी 29 अवैध अतिक्रमणों को चिन्हित किया गया है। इन सभी मामलों में प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए अतिक्रमण को हटाने का काम किया है।
यूपी सरकार की यह कार्रवाई भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा, पारदर्शिता और प्रशासनिक नियंत्रण को बनाए रखने के मकसद से की जा रही है। राज्य सरकार का कहना है कि धार्मिक संस्थाओं को भी राज्य के नियमों और कानूनों का पालन करना जरूरी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अवैध रूप से संचालित किसी भी संस्था को बख्शा नहीं जाएगा।