लखनऊ। निर्जला एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व होता है। निर्जला एकादशी का महत्व बाकी एकादशी के मुकाबले ज्यादा होता है। इसका कारण यह है कि महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं। पद्म पुराण में बताया गया है कि जो आज के दिन निर्जला व्रत रखता है, उसे बड़े से बड़े पाप नष्ट […]
लखनऊ। निर्जला एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व होता है। निर्जला एकादशी का महत्व बाकी एकादशी के मुकाबले ज्यादा होता है। इसका कारण यह है कि महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं। पद्म पुराण में बताया गया है कि जो आज के दिन निर्जला व्रत रखता है, उसे बड़े से बड़े पाप नष्ट हो जाते हैं। पुराण के मुताबिक इस दिन व्रत से जुड़े नियमों का पालन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए।
पद्म पुराण की मानें तो जो व्यक्ति निर्जला एकादशी के दिन व्रत के नियमों का पालन करता है, उसे करोड़ों स्वर्ण मुद्राएं दान करने के बराबर फल मिलता है। पुराण में लिखा है कि भगवान कृष्ण ने खुद बताया है कि इस दिन स्नान-दान का महत्व होता है। ऐसा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसका कारण यह है कि यह व्रत विष्णु देव जी को समर्पित होता है। इस दिन अन्न और जल का त्याग करना चाहिए। निर्जला व्रत करने वाले को पानी की एक बूंद भी नहीं पीनी होती है। वह शाम में सूर्यास्त के बाद पानी पी सकते हैं। लेकिन, अन्न को बिल्कुल भी नहीं खा सकते। निर्जला व्रत में तंबाकू और बीड़ी का सेवन नहीं किया जाता और न ही तामसिक भोजन का।
शाम के समय आप चाहें तो दूध और दही का सेवन कर सकते हैं। इसी के साथ शकरकंद, फल को भी भोजन के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। हालांकि व्रत का पूर्ण लाभ पाने के लिए निर्जला व्रत ही रखा जाता है। भूखे-प्यासे रहकर ही भगवान की भक्ति करते रहना होता है। सुबह शाम की विधिवत पूजा करने के बाद सात्विक भोजन ही ग्रहण कर सकते हैं। व्रत रखकर भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करते रहना होता है। जो लोग इस दिन व्रत करते हैं और अन्न ग्रहण करते हैं,वे पाप के भागी बनते हैं। साथ ही ऐसे लोगों को इस लोक में चांडाल के बराबर माना जाता है। ऐसे लोगों की मृत्यु के बाद दुर्गति होती है।