गर्मी में रामलला के राग-भोग में विशेष ध्यान रखा जा रहा है। रामलला को भोग में मधुपर्क अर्पित किया जा रहा है। इसके अलावा गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में दो बड़े कूलर भी लगा दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के मौसम में इन दिनों नित्य बदलाव हो रहा है। किसी दिन तेज धूप […]
गर्मी में रामलला के राग-भोग में विशेष ध्यान रखा जा रहा है। रामलला को भोग में मधुपर्क अर्पित किया जा रहा है। इसके अलावा गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में दो बड़े कूलर भी लगा दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मौसम में इन दिनों नित्य बदलाव हो रहा है। किसी दिन तेज धूप हो जाती है तो कभी बदली छाने व बूंदाबांदी से मौसम बदल जाता है। इसीलिए अयोध्या में विराजमान रामलला की नित्य सेवा में कुछ बदलाव किए गए हैं। साथ ही गर्भगृह में कूलर लगा दिए गए हैं।
गर्भगृह में पंखा, कूलर व एसी न होने की बात उठाई थी। 38 डिग्री तापमान में तप रहे रामलला शीर्षक से खबर छापकर राम मंदिर ट्रस्ट का इस ओर ध्यान आकर्षित किया था। पुजारियों ने भी कहा था कि गर्मी में परेशानी होती है।
इसके बाद ट्रस्ट ने रामलला के दरबार में ज्येष्ठ माह शुरू होने से पहले दो बड़े कूलर की व्यवस्था कर दी है। यही नहीं रामलला को गर्मी से बचाने के लिए रोजाना दोपहर में दही, फलों का जूस, लस्सी अर्पित की जा रही है।
रोजाना शृंगार आरती से लेकर शयन आरती तक रामलला को पांच बार मधुपर्क दिया जा रहा है। मधुपर्क रामलला को बेहद पसंद है। मधुपर्क मधु, देशी घी और दही को मिलाकर बनाया जाता है। इसके अलावा गर्मी से बचाव के लिए रामलला को हल्के रेशमी और सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। बेला, देशी गुलाब, चंपा और जूही आदि के फूलों और उनसे बने पुष्पहार से भगवान की सेवा की जा रही है।
रामनगरी शनिवार को एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत रविदास मंदिर में महात्मा बुद्ध, संत रविदास व भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे तो एक बड़ा संदेश भी जाएगा। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता का संदेश भी देगा।
अनावरण समारोह में अयोध्या के सभी 37 जातीय मंदिरों के प्रतिनिधियों के अलावा, संत-धर्माचार्य व देश भर के करीब पांच हजार लोग मौजूद रहेंगे। विभागीय अधिकारी दिन-रात कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मंदिर परिसर में बने 45 फीट लंबे व 80 फीट चौड़े सत्संग हाल का सीएम उद्घाटन करेंगे।
अयोध्या। लता चौक से मात्र 300 मीटर पहले स्थित राजकीय तुलसी उद्यान में संत तुलसीदास की खंडित मूर्ति को पार्क से हटाकर कहीं अन्यत्र लगाने की मांग संतों ने उठाई है। तुलसीदास की करीब दस फीट ऊंची मूर्ति के हाथ की अंगुली टूटी हुई है जो तुलसी उद्यान पार्क की शोभा बिगाड़ रही है। खुले में होने के कारण मूर्ति बदरंग हो रही है। तुलसी पार्क कभी विक्टोरिया पार्क के नाम से जाना जाता था।