लखनऊ। काशी में शिव विवाह के उत्सव की तैयारियां जोरों-शोरों पर है। 24 फरवरी को बाबा विश्वनाथ की हल्दी का कार्यक्रम है। बाबा विश्वनाथ को आज यानी 24 फरवरी को हल्दी लगाई जाएगी। 25 फरवरी को भजन कार्यक्रम होगा। और 26 फरवरी को शिव-पार्वती का शुभ विवाह होगा। हल्दी से लेकर विवाह के कार्यक्रम टेढ़ीनाम […]
लखनऊ। काशी में शिव विवाह के उत्सव की तैयारियां जोरों-शोरों पर है। 24 फरवरी को बाबा विश्वनाथ की हल्दी का कार्यक्रम है। बाबा विश्वनाथ को आज यानी 24 फरवरी को हल्दी लगाई जाएगी। 25 फरवरी को भजन कार्यक्रम होगा। और 26 फरवरी को शिव-पार्वती का शुभ विवाह होगा। हल्दी से लेकर विवाह के कार्यक्रम टेढ़ीनाम स्थित पूर्व महंत के आवास पर आयोजित होंगे।
मंगल गीतों के साथ भक्त बाबा की रजत प्रतिमा पर मेवाड़ से आई हल्दी चढ़ाई जाएगी। साथ में शिव भजन और लोकगीत गाए जाएंगे। शिव पार्वती के दांपत्य जीवन की मंगला कामना की जाएगी। वहीं महाशिवरात्रि महोत्सव को लेकर 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं। अगले 48 घंटे में 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर वाराणसी से गुजरने वाली 14 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
काशी पुराधिपति जल्द ही दूल्हा बनेंगे और उनके माथे सेहरा सजेगा। भूतभावन के विवाह से पूर्व हल्दी कार्यक्रम पूर्व महंत के आवास पर होगा। बाबा के तेल-हल्दी की रस्म पूर्व महंत स्वर्गीय कुलपति तिवारी के घर पर होगी। उनके बेटे पं. वाचस्पति तिवारी और बेटियों समेत महिलाएं सभी रस्मों में शामिल होंगी। बाबा को खास बनारसी ठंडई, पान और पंचमेवा का भोग लगाया जाएगा। पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि आज बाबा का खास राजसी-स्वरूप में शृंगार किया जाएगा। साथ ही उनकी आरती उतारी जाएगी।
मेवाड़ से आई हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए गीत गाएंगी। महिलाएं भगवान शिव की रजत मूर्ति की चावल से नजर उतारेंगी। इसके साथ ही मंगल गीतों को उत्साह से गाया जाएगा। विवाह के लिए तैयारियां भी चर्चा का विषय है। सोमवार सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर काशी विश्वनाथ मंदिर के द्वार खोले जाएंगे। पुजारियों ने विधि-विधान से बाबा का अभिषेक किया। इसके बाद से श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।