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शनि जयंती पर बन रहे शुभ संयोग, जानें किस तरह करे पूजा

लखनऊ। हिंदू धर्म में शनि जयंती का पर्व खास माना जाता है। यह दिन भगवान शनि को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक शनि जंयती साल में 2 बार आती है। इस साल शनि जयंती 27 मई यानी आज मनाई जा रही है। […]

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Shani Jayanti 2025
  • May 27, 2025 1:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 hours ago

लखनऊ। हिंदू धर्म में शनि जयंती का पर्व खास माना जाता है। यह दिन भगवान शनि को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक शनि जंयती साल में 2 बार आती है। इस साल शनि जयंती 27 मई यानी आज मनाई जा रही है। शनि जयंती के दिन भगवान शनि का जन्म हुआ था, इसलिए इसे शनि जन्मोत्सव के रुप में मनाते हैं।

शनि जयंती का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता हैं। यह व्यक्ति के उसके कर्मों के मुताबिक ही फल देते हैं। जिन लोगों के कर्म अच्छे होते हैं उन्हें शनिदेव से डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं होती है। मान्यताओं के मुताबिक कुछ लोग शनि जयंती के दिन शनिदेव के लिए व्रत भी रखते हैं। शनि जयंती पर अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई यानी कल दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर हो चुकी है। इसकी समाप्ति 27 मई यानी आज सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर होगी। ज्योतिष गणना के मुताबिक, आज शनि जयंती पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इसे और भी अधिक आवश्यक और शुभ बना रहे हैं।

किसी जरूरतमंद को दान करें

दरअसल, आज शनि जयंती पर सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा सुकर्मा और धृति योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन सुकर्मा योग सुबह से लेकर रात 10 बजकर 54 मिनट तक है। ज्येष्ठ अमावस्या तिथि में द्विपुष्कर योग 28 मई की सुबह 5:02 से लेकर 5:25 बजे तक रहेगा। इस योग में किया गया कार्य 2 बार फल देता है। शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद शनि मंदिर जाएं। शनि देव के पैरों छूकर आशीर्वाद लें और सरसों के तेल अर्पित करें। फिर, शनि देव को काले रंग के वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद उन्हें काला तिल, उड़द दाल और लोहा अर्पित करें। हो सके तो गरीब लोगों को जूते, छाते या फिर कपड़े का भी दान कर सकते हैं।


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