लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ की CBI स्पेशल कोर्ट ने DSP जियाउल हक मर्डस केस में 10 लोगों को दोषी माना है। बता दें इस मर्डर केस में विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और ग्राम प्रधान गुलशन यादव पर भी आरोप लगाए गए थे, लेकिन सीबीआई की जांच में दोनों को क्लीन चिट मिल गई।
दोषी मानने के लिए पर्याप्त सबूत
जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने जिन आरोपियों को इस मामले में दोषी माना है। उसमें राम आसरे, पवन यादव, छोटेलाल यादव, मंजीत यादव, फूलचंद यादव, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल, घनश्याम सरोज और राम लखन गौतम शामिल हैं। सीबीआई कोर्ट ने कहा कि मामले में सभी 10 आरोपियों के खिलाफ उन्हें दोषी करार दिए जाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।जानकारी के मुताबिक ये मामला प्रतापगढ़ के बलीपुर गांव से सामने आया है।
5 के खिलाफ शिकायत दर्ज
यहां 2 मार्च 2013 को डीएसपी जियाउल हक की हत्या की गई थी। मामले में जोर पकड़ने और परिजनों की मांग के बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। कोर्ट में पेश दस्तावेजों के मुताबिक मामले में डीएसपी की पत्नी परवीन ने मुकदमा दर्ज कराया था। जियाउल हक देवरिया जिले के नूनखार टोला के निवासी थे। पेश याचिका के मुताबिक एफआईआर में पांच आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
कई धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या का) , धारा 120 बी, (आपराधिक साजिश रचने) समेत कई अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था।