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मुख्तार अंसारी की बढ़ी मुश्किलें, उसरी चट्टी कांड में दर्ज किया गया हत्या का मुकदमा

लखनऊ : पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. लगभग 21 साल पहले हुए उसरी चट्टी हत्याकांड के केस में मुख्तार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है अब मुख्तार पर मुकदमें की संख्या 61 हो गई है. माफिया से नेता बने मुख्तार को एक और […]

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  • January 23, 2023 5:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ : पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. लगभग 21 साल पहले हुए उसरी चट्टी हत्याकांड के केस में मुख्तार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है अब मुख्तार पर मुकदमें की संख्या 61 हो गई है. माफिया से नेता बने मुख्तार को एक और झटका मिला. पुलिस ने 2001 के उसरी चट्टी मुठभेड़ की घटना के संबंध में उसके खिलाफ हत्या का मुकदामा दर्ज किया गया है है. उसरी चट्टी कांड में मारे गए मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय की शिकायत के आधार पर ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के आदेश पर कार्रवाई हुई है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्तार के खिलाफ मोहम्मदाबाद पुलिस थाने में IPC की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मृत मनोज राय के पिता बिहार के बक्सर सगरा राजापुर के रहने वाले शैलेंद्र कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि 14 जुलाई 2001 की शाम को मुख्तार का ड्राइवर ( सुरेंद्र शर्मा), गौस मोइनुद्दी और कमाल घर आए और मेरे बेटे को साथ ले गए. अगले दिन 15 जुलाई को मनोज की हत्या की सूचना मिली थी. 21 साल बाद मामले में पुलिस ने IPC की धारा 147, 148, 149 और 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं.

सुपीरियर क्लास की सुविधा मुख्तार को नहीं मिलेगी

ANI न्यूज के मुताबिक इससे पहले 18 जनवरी को इलाहाबाद HC ने गाजीपुर MP/MLA कोर्ट के 15 मार्च के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें माफिया मुख्तार अंसारी को बांदा में उच्च श्रेणी की जेल में रखने की अनुमति दी थी. यह आदेश जस्टिस डीके सिंह ने राज्य सरकार द्वारा याचिका को स्वीकार करते हुए दिया था. इसी दौरान कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि स्पेशल कोर्ट का आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर है और खूंखार अपराधी,माफिया मुख्तार अंसारी कानूनी तौर जेल में उच्च श्रेणी पाने का हकदार नहीं है.

खूंखार अपराधी को नहीं दी जा सकती सुविधा

HC को अधिकार है कि वह राज्य सरकार और जिला कोर्ट के जिलाधिकारी को अपनी सिफारिश भेज सकता है. जैल मैनुअल के तहत सुविधा देते समय विचाराधीन बंदी की शिक्षा, अपराधी का आचरण और आपराधिक मंशा को देखा जाएगा. माफिया मुख्तार अंसारी का लंबा आपराधिक इतिहास है इसके उपर 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है. ऐसे में माफियाओं को उच्च श्रेणी की सुविधा नहीं दी जा सकती.

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