लखनऊ। नगर निकाय चुनाव के लिए जारी आरक्षण की अंतिम अधिसूचना पर मिली आपत्तियों के निस्तारण को शनिवार को अंतिम रूप दिया गया है। अब सभी आपत्तियों की कड़ी जोड़ी जा रही है। इसके पूरा होने के बाद रविवार को शाम तक आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार अंतिम आरक्षण में लगभग एक से दो फीसदी सीटों पर फेरबदल की आशंका हैं। इसमें ज्यादा वार्ड हैं। इसके अलावा दो से तीन नगर पंचायतों में अध्यक्षों के आरक्षण को भी बदला जा सकता है।
अवकाश के बावजूद अधिकारियों को बुलाया दफ्तर
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को छुट्टी होने के बाद भी नगर विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑफिस बुलाया गया था। इनके अलावा कई कंप्यूटर ऑपरेटरों को भी बुलाकर आपत्तियों के निस्तारण का काम किया गया था। विभाग का दफ्तर देर रात तक खुला रहा और वहां उच्च अधिकारी भी बैठे रहे। सूत्रों के मुताबिक कुछ जिलों के नगर निकायों में सीटों के आरक्षण को लेकर मिली आपत्तियों के निस्तारण में पेंच फंसा हुआ था, जिसे अब निस्तारित कर दिया गया है। इसी प्रकार लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज जैसे कुछ नगर निगमों में मेयर की सीटों के आरक्षण पर मिली आपत्तियों का जवाब खोजने में भी अधिकारियों के पसीने छूटने लगे थे।
1-2 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण में हो सकता है बदलाव
बताया जा रहा है कि सभी 760 नगर निकायों में महापौर और अध्यक्षों के अलावा पार्षदों की सीटों के आरक्षण पर मिली आपत्तियों के निस्तारण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि 1-2 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण में परिवर्तन संभव हैं। इनमें से ज्यादातर सीट वार्ड लेवल पर पार्षदों की हैं। नगर निगम या बड़े नगर निकायों की सीटों पर आरक्षण का स्वरूप 30 मार्च को जारी आरक्षण की अंतिम अधिसूचना के अनुसार ही रहने की संभावना है।