लखनऊ : बसपा चीफ और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने राजनीति से संन्यास की अटकलें पर चुप्पी तोड़ी हैं। बता दें कि पार्टी अध्यक्ष ने उस बात पर चुप्पी तोड़ी है जिसको लेकर सियासी हलचल तेज हो रही थी। अटकलें थे कि वह अब पार्टी का दामन छोड़ देंगी। हालांकि उन्होंने इन सब अटकलें […]
लखनऊ : बसपा चीफ और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने राजनीति से संन्यास की अटकलें पर चुप्पी तोड़ी हैं। बता दें कि पार्टी अध्यक्ष ने उस बात पर चुप्पी तोड़ी है जिसको लेकर सियासी हलचल तेज हो रही थी। अटकलें थे कि वह अब पार्टी का दामन छोड़ देंगी। हालांकि उन्होंने इन सब अटकलें पर पूर्णविराम लगा दिया है। यह बयान पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले दी है।
बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि,”बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल।”
मायावती ने आगे लिखा, “अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने श्री आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तब से जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें।”
यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा कि हालांकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?
बता दें कि मायावती से पहले कांशीराम को पार्टी का अध्यक्ष चुना जाता था. उनके खराब स्वास्थ्य के बाद 18 सितंबर 2003 को मायावती पहली बार अध्यक्ष चुनी गईं। लखनऊ में होने वाली बैठक का पहला एजेंडा पार्टी अध्यक्ष का चुनाव है. फिर मायावती दलित आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर में जनसमर्थन जुटाना चाहती हैं. उन्होंने मोदी सरकार से संसद में बिल लाकर कोर्ट के फैसले को बदलने की मांग की है. इस भावनात्मक मुद्दे के जरिए मायावती अपना खोया जनाधार वापस पाने की तैयारी में हैं.