लखनऊ। 2024 के आम चुनाव होने में कम वक़्त ही बचा है। इससे पहले सपा गठबंधन में टूट की खबर सामने आने लगी है। दावा किया जा रहा है कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी जल्द ही सपा से नाता तोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि 1992 में सपा का गठन हुआ था, जिसके बाद से उसने कई पार्टियों से गठबंधन किए लेकिन वो लंबे समय तक नहीं चल पाए।
बसपा से मिलाया हाथ
इन 31 सालों में सपा की किसी भी राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया।
समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले बसपा के साथ 1993 में गठबंधन किया था। उस समय में मुलायम सिंह यादव और कांशीराम भजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए साथ में आये थे। दोनों ने मिलकर सरकार भी बनाई लेकिन 1995 में दोनों पार्टी अलग हो गए। बसपा ने गठबंधन तोड़ दी।
बीजेपी ने दिया समर्थन
वर्ष 2003 में बीजेपी और बसपा गठबंधन टूटने के बाद मुलायम सिंह यादव प्रदेश के सीएम बने। हालांकि बहुमत पेश करने के दौरान संख्या कम पड़ी तो बीजेपी ने उन्हें समर्थन दिया लेकिन ये भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया। वर्ष 2014 में मोदी लहार में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बंपर जीत दर्ज की। जिसके बाद विधानसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस से गठबंधन किया लेकिन इसमें उसे करारी हार मिली।
सपा-कांग्रेस गठबंधन
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा ने 224 सीटें जीती थीं लेकिन 2017 के चुनाव में महज 47 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद सपा और कांग्रेस का गठबंधन टूट गया। फिर लोकसभा चुनाव के दौरान सपा और बसपा साथ में आये लेकिन करारी शिकस्त झेलने के बाद ये गठबंधन भी नहीं चल पाया।
खटपट होने से हुए अलग
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने प्रसपा, सुभासपा, रालोद और महान दल के साथ गठबंधन किया लेकिन इसमें सपा गठबंधन को मात्र 125 सीटों पर जीत मिली। हार के बाद खटपट होने से कई दल गठबंधन से अलग हो गए।