लखनऊ : सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए दिखे। सत्र के दौरान उन्होंने भाजपा को हिंदू न कहने की बात कही। जिसको लेकर देश भर में राजनीति शुरू है। इस बीच राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखते हुए कहा है कि उनके दिए गए भाषण से कुछ टिप्पणियों और अंशों को हटाया गया है। इसको लेकर उन्होंने सभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि टिप्पणियों को बहाल किया जाए। वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद दानिश अली की प्रतिक्रिया सामने आई है।
जनादेश को झुठलाने का सिलसिला जारी
पूर्व सांसद दानिश अली ने कहा कि, “अहंकार और तानाशाही के खिलाफ देश की जानता के साफ जनादेश के बावजूद साहेब और उनके दरबारियों के व्यवहार में परिवर्तन नहीं दिख रहा है. जनादेश को झुठलाने और विपक्ष को दबाने का सिलसिला पहले की तरह ही चल रहा है.’ लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) के रूप में राहुल गांधी का सोमवार को पहला भाषण था. इस दौरान सदन खूब हंगामेदार रहा।
जानें सदन में राहुल ने क्या कहा था?
सोमवार को राहुल गांधी ने सदन में बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि इस्लाम में यह बताया गया है कि पैगंबर कहते हैं कि ईश्वर हमारे साथ हैं, इसलिए डरना नहीं है। इस कड़ी में उन्होंने कहा कि सिख पंथ के गुरु नानक जी का भी यही संदेश है। इसके बाद राहुल ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर कहा कि शिवजी कहते हैं कि डरो और डरोओ मत। आप (बीजेपी ) हिंदू नहीं हैं। आगे कहा कि शिवजी ये संदेश देते हैं, लेकिन खुद को हिंदू कहने वाले खुद पूरा दिन हिंसा-हिंसा करते हैं। वहीं राहुल की इस बात पर देश भर में हंगामा शुरू है। भाजपा ने कहा कि राहुल ने पूरे हिंदू समाज को हिंसा करने वाला बताया है। यहां तक कि पीएम मोदी भी इस बात पर सदन में खड़े हो गए और कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना अपमानजनक है।