लखनऊ। यूपी की सियासी जमीन पर बहुत कम ऐसे मौके आए है जब अलग-अलग ध्रुवों के नेता एक ही मंच पर इकट्ठा हुए हों। बीते दिनों अयोध्या में एक ऐसा मौका आया जब अलग-अलग पार्टी के नेता लाइन से हटकर एक मंच पर साथ में एकत्रित हुए हो और अपने समाज की मांग रखी हो। […]
लखनऊ। यूपी की सियासी जमीन पर बहुत कम ऐसे मौके आए है जब अलग-अलग ध्रुवों के नेता एक ही मंच पर इकट्ठा हुए हों। बीते दिनों अयोध्या में एक ऐसा मौका आया जब अलग-अलग पार्टी के नेता लाइन से हटकर एक मंच पर साथ में एकत्रित हुए हो और अपने समाज की मांग रखी हो। अयोध्या में रविवार 29 दिसंबर को कुर्मी महाकुंभ कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
इस कार्यक्रम में बीजेपी, कांग्रेस, सपा, अपना दल (सोनेलाल) पटेल के नेता शामिल हुए। यह सभी नेता न केवल शामिल हुए बल्कि मंच भी साझा किया। अयोध्या-लखनऊ नेशनल हाईवे स्थित पूरा काशीनाथ में आयोजित हुए इस महाकुंभ में मांग उठी की उनके समाज को भी सियासी दल उचित प्रतिनिधित्व दें। बता दें कि फैजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में विनय कटियार आखिरी कुर्मी नेता थे, जो यहां से सांसद चुने गए थे। उसके बाद से अभी तक कुर्मी समाज का कोई नेता सांसद पद के लिए नहीं चुना गया है।
यह कार्यक्रम ऐसे समय में आयोजिता हुआ है जब अयोध्या जिले की एक विधानसभा सीट- मिल्कीपुर में आने वाले टाइम में उपचुनाव हो सकता है। हालांकि कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि इसका चुनाव से कोई लेना- देना नहीं है। कार्यक्रम में पहुंचे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जय करन वर्मा ने बताते है कि ‘ कुर्मी महाकुंभ का मेन मकसद यह है कि हम अपने समाज की एकता और ताकत के बारे में लोगों को बता सकें।
फैजाबाद की राजनीति में हमारे समाज को अनदेखा किया जा रहा है। ‘ अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वर्मा ने कहा कि क्षेत्र में कुल 18 लाख से ज्यादा कुर्मी मतदाता हैं, जिसमें से 2.38 लाख वोटर्स अकेले फैजाबाद के हैं।