लखनऊ : आज शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जौनपुर के एमपी बाबू सिंह कुशवाहा की लखनऊ स्थित जमीन कब्जे में ली. कानपुर रोड पर स्कूटर इंडिया के सामने स्थित इस जमीन की कीमत करोड़ों में बताई गई है. ED ने कार्रवाई करते हुए बुलडोजर एक्शन शुरू किया, उस जमीन पर हुए अवैध निर्माण को मिट्टी में मिलाया. ED ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत यह एक्शन ली है. मामला उस वक्त का है जब 2007 में मायावती यूपी की सीएम पद पर कार्यरत थीं और बाबू सिंह कुशवाहा यूपी कैबिनेट में शामिल थे।
कुशवाहा ने कहा जमीन से कोई लेना देना नहीं
इस बीच लोकसभा में सपा के उपनेता बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि ये जमीन पहले से ही ईडी के पास अटैच है। प्रवर्तन निदेशालय ने उस पर अपना बोर्ड लगाया है। यह मेरे जान पहचान वालों की जमीन है। मेरा इस जमीन से कोई लेना देना नहीं है। ED अतिक्रमण हटाने गया होगा।
मायावती कैबिनेट में मंत्री
बता दें कि अभी हाल ही में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बाबू सिंह कुशवाहा को सपा का उपनेता बनाया था. कुशवाहा के राजनीति सफर की बात करें तो वर्ष 1988 में बाबू सिंह कुशवाहा कांशीराम के संपर्क में आए और साल 1990 में उन्हें बसपा कार्यालय का प्रभारी नियुक्त किया गया. वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें पंचायती राज मंत्री की जिम्मेदारी दे दी. साल 2007 में जब BSP मुखिया मायावती की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो बाबू सिंह कुशवाहा को कई विभागों की जिम्मेदारी दी गई। हालांकि भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उन्होंने मंत्री पद की जिम्मेदारी से पीछे हट गए थे। वर्ष 2024 में जौनपुर सीट से आमचुनाव लड़ने के लिए सपा से टिकट मिलने से पहले उनके सियासी करियर में 10 वर्षों तक उतार-चढ़ाव देखने को मिला.