लखनऊ। यूपी विधानसभा में नजल भूमि विधेयक के पास होते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने जमकर विरोध किया। इस विधेयक के विरोध में स्वयं भाजपा विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह और कुंडा विधायक राजा भैया भी आए। सभी ने इस विधेयक के विरोध नें संशोधन की मांग की है। संशोधन की मांग करते हुए इसे प्रवर समिति को भेजने के लिए कहा है। कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या ने कहा कि इस विधेयक के नतीजे गंभीर होंगे।
लोगों होंगे बेघर
उदाहरण देते हुए बताया कि हाईकोर्ट इलाहाबाद भी नजल भूमि पर है। विधेयक किसी के हित में नहीं है। इससे गरीब लोग बेघर हो जाएंगे। फ्रीहोल्ड के लिए जिनकी किश्ते जमा हो गई है। ऐसे लोगों का सौदा हो गया है, तो जमीन वापस दें। लोग विरोध व्यक्त करने के लिए सड़कों पर आ जाएंगे। सरकार इस विधेयक पर फिर से विचार करें। इसे प्रवर समिति को भेजे। वहीं विधेयक को लेकर बीजेपी के विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए है। उन्होंने अधिनियम के बारे में कहा कि जो लोग पीढ़ियों से लीज नजूल की जमीन पर रह रहे हैं। लीज पूरा होने पर उनके नवीनीकरण और लोग फ्री होल्ड के लिए किश्तें दे रहे हैं।
नवीनीकरण का सुझाव
लीज को नवीनीकरण करने की सलाह दी। उन्होंने विधेयक को व्यवहारिक बनाने की बात कही है। बीजेपी विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने प्रयागराज इलाके में लीज की जमीन पर रहे हजारों परिवारों का उदाहरण दिया। सिद्धार्थनाथ सिंह ने विधेयक को न्यायसंगत नहीं बताया है। हजारों परिवारों के घर छीन जाएंगे। संपत्ति का अधिकार साफ और स्पष्ट होना चाहिए। गरीबों के पास नजूल की जमीन को फ्रीहोल्ड कराने का अधिकार होना चाहिए। मेंहदावल से निषाद पार्टी के विधायक अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि साल 1996 के तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने राजस्व के लिए नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने की व्यवस्था की थी।