लखनऊ। बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को होने वाली बैठक को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जायेगी। पटना में विपक्षी दलों के नेताओं का जुटान शुरू हो चुका है। इसी बीच विपक्ष की महाबैठक को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने नीतीश कुमार […]
लखनऊ। बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को होने वाली बैठक को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जायेगी। पटना में विपक्षी दलों के नेताओं का जुटान शुरू हो चुका है। इसी बीच विपक्ष की महाबैठक को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने नीतीश कुमार समेत बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधा है।
पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद/हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि परमपूज्य बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास नही है।
मायावती ने विपक्ष की बैठक पर निशाना साधते हुए कहा कि अब लोकसभा आम चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियां जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही हैं और ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा कल 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक ’दिल मिले न मिले हांथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है।
उन्होंने आगे कहा कि वैसे अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखकर इस प्रकार के प्रयास से पहले अगर ये पार्टियाँ, जनता में उनके प्रति आम विश्वास जगाने की गज़ऱ् से, अपने गिरेबान में झांककर अपनी नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेतीं तो बेहतर होता। ’मुंह में राम बग़ल में छुरी’ आख़िर कब तक चलेगा?
आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि यूपी में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है, किन्तु विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहां अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिन्तित हैं। बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहां लोकसभा चुनाव की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी?