लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से रामलला को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में बोलते हुए स्वामी प्रसाद ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर वाहवाही लूटी गई है। ऐसा लगता है कि जैसे प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला थे ही नहीं। एक ओर कहा जाता है कि देश के करोड़ो लोगों के आराध्य है श्री राम और भारतीय जनता पार्टी उन करोड़ो लोगों की भावनाओं को आहत कर ऐसे कर रही है जैसे राम को ये लेकर आये हैं।
सदन में हंगामा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि जग विदित है कि हज़ारों साल से राम की यहां पर पूजा होती चली आ रही है। जब राम की पूजा होती चली आ रही है तो प्राण प्रतिष्ठा का प्रश्न कहां से उठता है। इस दौरान सदन में खूब हंगामा हुआ लेकिन स्वामी प्रसाद चुप नहीं हुए और कहा कि प्राण प्रतिष्ठा को बीजेपी का कार्यक्रम था। वहां पर सारा कुछ बीजेपी, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के हाथों में था। वो कोई सांस्कृतिक या सरकारी कार्यक्रम नहीं था बल्कि बीजेपी,आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद का कार्यक्रम था।
राम निर्जीव हो गए
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो रामलला हज़ारों साल से पूजे जा रहे हैं तो अरबों-खरबों खर्च करके दोबारा प्राण-प्रतिष्ठा करने का औचित्य क्या था? मैं इसपर सवाल उठाता हूं। सरकार के पास नौजवानों नौकरी देने के लिए पैसे नहीं है। शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई। जो रामलला है उसे नकार करके ये फिर से प्राण-प्रतिष्ठा करवा रहे हैं। क्या राम निर्जीव हो गए थे, निष्प्राण हो गए थे जो उनका प्राण-प्रतिष्ठा करना पड़ा।