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Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड भाजपा की Black Money Tourism, अखिलेश ने बीजेपी को लपेटा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड जारी होने के बाद मचे हंगामे पर ट्वीट कर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड काले धन को सफ़ेद करने की भाजपाई गारंटी है। इलेक्टोरल बॉन्ड भाजपा की Black Money Tourism मतलब पैसा बाहर ले जाकर वापस […]

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  • March 15, 2024 10:25 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड जारी होने के बाद मचे हंगामे पर ट्वीट कर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड काले धन को सफ़ेद करने की भाजपाई गारंटी है। इलेक्टोरल बॉन्ड भाजपा की Black Money Tourism मतलब पैसा बाहर ले जाकर वापस लाने के शुद्धीकरण की भाजपाई गारंटी है।

भाजपा को 6000 करोड़ चंदा

चुनाव आयोग ने गुरुवार,14 मार्च की शाम को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। डेटा के मुताबिक बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है। 12 अप्रैल 2019 से लेकर 11 जनवरी 2024 तक भारतीय जनता पार्टी को 6,060 करोड़ रुपए चंदे के रूप में मिले है। तृणमूल कांग्रेस को1,609 करोड़ और कांग्रेस को 1,421 करोड़ का चंदा मिला है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को 763 पेजों की दो लिस्ट अपने वेबसाइट पर डाली। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया था कि 15 मार्च तक डेटा सार्वजनिक किया जाए।

क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड

बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड पॉलिटिकल पार्टी को चंदा देने का एक वित्तीय माध्यम है। यह एक ऐसा वचन पत्र है जिसे भारतीय नागरिक या कंपनी SBI की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकता है। साथ ही उक्त व्यक्ति या कंपनी किसी भी पॉलिटिकल पार्टी को गुप्त तरीके से दान दे सकता है। साल 2017 में मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की घोषणा की थी। इसे 29 जनवरी 2018 को लागू कर दिया गया था।


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