लखनऊ। विपक्षी दलों की मुंबई बैठक के बीच देश में वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है। इसे लेकर मोदी सरकार ने शुक्रवार यानी 1 सिंतबर को एक कमेटी बनाई है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस सत्र में एक देश, एक चुनाव पर बिल लेकर आने वाली है। इन कयासों के बीच विपक्षी दलों में खलबली मच गयी है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसपर नाराजगी जताई है।
संविधान बदल देंगे ये लोग
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक्स( पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है कि वन नेशन-वन इलेक्शन का निर्णय संविधान विरोधी है, लोकतंत्र की हत्या कर राजतन्त्र की स्थापना का सरकार का कुत्सित प्रयास है। सरकार के इस निर्णय की घोर भर्तस्ना करता हूं। लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी को एकजुट हो जाना चाहिए अगर गफलत में रहोगे तो ये लोग संविधान बदल देंगे।
अजेय मोदी को हराना मुश्किल
2014 और 2019 में लगातार बंपर जीत के बाद विपक्ष को ये लगने लगा है कि वो अकेले मोदी को नहीं हरा सकते। ऐसे में इन्होंने एकजुट होकर बीजेपी को हराने की कोशिश की है। इसी कड़ी में मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं। सभी विपक्षी दल एक मंच पर आकर मोदी को रोकना चाहते हैं। इसी कड़ी में मुंबई में विपक्षी नेताओं की तीसरी बैठक हो रही है। लेकिन तभी मोदी सरकार के वन नेशन-वन इलेक्शन के कार्ड से विपक्षी दलों को झटका लगा है।