लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दरअसल जिन पार्टियों के बदौलत अखिलेश भाजपा को हराने का सपना देख रहे थे वो एक-एक करके उनसे दूर होते जा रहे हैं। हाल ही में अपना दल कमेरावादी सपा से दूर हुई है। अखिलेश की पार्टी इससे उभरी भी […]
लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दरअसल जिन पार्टियों के बदौलत अखिलेश भाजपा को हराने का सपना देख रहे थे वो एक-एक करके उनसे दूर होते जा रहे हैं। हाल ही में अपना दल कमेरावादी सपा से दूर हुई है। अखिलेश की पार्टी इससे उभरी भी नहीं थी कि अब एक और दल ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया है।
बताया जा रहा है कि 22 मार्च यानी शनिवार को जनवादी सोशलिस्ट पार्टी ने भी सपा का साथ छोड़ दिया है। जिसके बाद सपा और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के बीच का गठबंधन टूट गया है। जनवादी पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय चौहान ने सपा से अलग होने का ऐलान किया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा की है। कहा जा रहा है कि डॉ. संजय चौहान सपा से घोसी से टिकट मांग रहे थे लेकिन अखिलेश ने वहां से राजीव राय को अपना उम्मीदवार बनाया है।