लखनऊ। प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सपा नेता आजम खान के 45 साल पुराने सियासी करियर पर अब ग्रहण लग गया है। दरअसल बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में पति-पत्नी और बेटे तीनों को 7 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं आज़म खान को सजा मिलने पर राज्य में सियासी बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। इस मामले में एनडीए गठबंधन में शामिल सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भी प्रतिक्रिया दी है।
अदालत ने कानून का उल्लंघन पाया
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आज़म खान, उनकी पत्नी और बेटे को सजा मिलने पर सुभासपा प्रमुख ने कहा कि अदालत के फैसले का सभी सम्मान करते हैं तो हमें भी उसी तरह से यह फैसला स्वीकार है। अज़ाम खान ऊपरी अदालत में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि मामले में अदालत ने कानून का उल्लंघन पाया तो उन्हें सजा मिली इसलिए फैसले का सम्मान करना चाहिए। साथ ही ओपी राजभर ने कहा कि सपा की तानाशाही और गुंडागर्दी के चलते उन्होंने प्रमाण पत्र बनवाया होगा। गलती है तो गलती को स्वीकार करना चाहिए।
आज़म खान का सियासी करियर
आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला आज़म को अब जब जेल हो गई है तो ऐस में तीनों में से कोई चुनाव लड़ नहीं सकता। आज़म खान का सियासी करियर भी अब ढलान पर मालूम पड़ता है। वो 10 बार विधायक, एक बार सांसद और एक बार राज्यसभा सदस्य रहे चुके हैं। इसके अलावा चार बार कैबिनेट मंत्री और एक बार नेता विरोधी दल भी रह चुके हैं।
100 से अधिक केस दर्ज
बता दें कि आज़म खान सपा की सरकार में मिनी सीएम कहलाये जाते थे। बीजेपी की सरकार आते ही वो अपने विरोधियों के निशाने पर आये और अब कई केसों में घिर चुके हैं। पूर्व मंत्री आज़म खान के ऊपर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। कई मामलों में तो कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इससे पहले हेट स्पीच और छजलैट प्रकरण में उन्हें सजा मिल चुकी हैं। वहीं हेट स्पीच के एक मामले में उन्हें अदालत ने बरी कर दिया है, जिसे लेकर सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर किया है।