लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने PDA फॉर्मूले पर फिर से प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा है कि PDA मूल रूप से ‘पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक’ के शोषण, उत्पीड़न व उपेक्षा के ख़िलाफ़ उठती हुई चेतना व समान अनुभूति से जन्मी उस एकता का नाम है, जिसमें […]
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने PDA फॉर्मूले पर फिर से प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा है कि PDA मूल रूप से ‘पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक’ के शोषण, उत्पीड़न व उपेक्षा के ख़िलाफ़ उठती हुई चेतना व समान अनुभूति से जन्मी उस एकता का नाम है, जिसमें हर वर्ग के वे सब लोग भी शामिल हैं, जो मानवता के आधार पर इस तरह की नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सब इससे जुड़ें।
बता दें कि अपने PDA फॉर्मूले की वजह से अखिलेश यादव बसपा और बीजेपी के निशाने पर है। बसपा प्रमुख मायावती ने पीडीए को लेकर कहा था कि सपा द्वारा एनडीए के जवाब में पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का राग, इन वर्गों के अति कठिन समय में भी केवल तुकबंदी के सिवाय और कुछ नहीं। इनके पीडीए का वास्तव में अर्थ परिवार, दल, एलाइन्स है जिस स्वार्थ में यह पार्टी सीमित है।
वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने अखिलेश पर हमला करते हुए कहा था कि PDA का मतलब P से परिवारवाद, D से दंगा, A से अपराधियों का संघ है। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता में रहते हुए सपा ने दलितों का दमन किया। अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग ने अखिलेश को नकार दिया है। दलित अखिलेश यादव की तरफ देखता तक नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP की बंपर जीत होगी।