लखनऊ। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा से निष्काषित कर दी गईं हैं। महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है। वहीं हुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर तमाम विपक्षी दल भी बाहर आ गए। इधर सदस्यता रद्द होने पर विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हो गई है। इसी कड़ी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान सामने आया है।
जानिए क्या बोले अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है कि सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे। जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा। कुछ लोग सत्ता पक्ष के लिए सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं।
जानिए क्या बोलीं महुआ
वहीं टीएमसी सांसद के रूप में अपने निष्कासन पर महुआ मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने की कोई शक्ति नहीं है। यह बीजेपी के अंत की शुरुआत है। उन्होंने आगे कहा कि अगर मोदी सरकार ने सोचा है कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे से छुटकारा पा सकते हैं तो ऐसा नहीं होगा। अडानी का मुद्दा उठाने की वजह से मुझे संसद की सदस्यता से बर्खास्त किया गया।