लखनऊ : जौनपुर की बादलपुर सीट से बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा ने राज्य में पार्टी की स्थिति को बेहद खराब बताया है. उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से पीडीए की बात की जा रही है, उससे व्यापक स्तर पर लोगों के बीच वास्तविक स्थिति पैदा हो गई है. उनके बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा है कि पीडीए सकारात्मक सद्भाव का नया इतिहास लिखने जा रहा है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा
सपा अध्यक्ष ने एक्स पर पीडीए की रणनीति का जिक्र करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने उसकी( बीजेपी) राजनीति को शोषण की नकारात्मक राजनीति बताया है। उन्होंने आगे लिखा –
समाजवादी पार्टी की ‘PDA’ की नीति:
- आम जनता को उसका हक़ दिलवानेवाली
- आम जनता का कल्याण करनेवाली
- शोषण-उत्पीड़न से आम जनता की रक्षा करनेवाली
- संविधान-आरक्षण को बचानेवाली
- पिछड़े-दलितों-अल्पसंख्यकों-आदिवासियों-आधी आबादी और अगड़ों में भी उत्पीड़ितों को प्रभुत्ववादियों के अत्याचार से बचानेवाली
- किसान, मज़दूर, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा, दुकानदारों और बाक़ी सबका भी ख़्याल रखनेवाली
- समाज के हर वर्ग और तबके को जोड़नेवाली
- सामुदायिक राजनीति का नया युग शुरू करनेवाली
- सामाजिक सौहार्द, एकता, भाईचारे को एक सूत्र करनेवाली
- सकारात्मक राजनीति का नया इतिहास लिखनेवाली नीति है।
- https://x.com/yadavakhilesh/status/1812010211428757719
अखिलेश यादव ने आगे लिखा
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर आगे लिखा भाजपा की आम जनता का शोषण करनेवाली, समाज को तोड़नेवाली नकारात्मक राजनीति के पास पीडीए की POSITIVE POLITICS का कोई जवाब नहीं है। इसीलिए भाजपा के अपने ही लोगों में हड़बड़ाहट है। PDA ही भाजपा के अंदर-बाहर भगदड़ का कारण बन रहा है। भाजपा के तथाकथित सहयोगी भी या तो किसी बहाने से भाजपा से बाहर आना चाहते हैं या वैचारिक दूरी दिखाना चाहते हैं। कोई चिट्ठी को माध्यम बना रहा है, कोई अपनी नाराज़गी भरे बयान को और कोई अंदरूनी जनप्रतिनिधि ऐसे किसी वीडियो को। भाजपाई खेमे की चिंता सिर्फ़ यूपी के 2027 के चुनाव हारने की ही नहीं है, बल्कि भविष्य का हर चुनाव हारने की है।
जनता में नयी सामाजिक-आर्थिक चेतना आई
पीडीए का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे लिखा PDA एक नव जागरण है। आज की जागरूक जनता में जो नयी सामाजिक-आर्थिक चेतना आ गयी है, उसी का नाम ‘पीडीए’ है। PDA वर्तमान के पटल पर सामाजिक अखंडता के नये भविष्य का उद्घोष है।