लखनऊ। 26 नवम्बर को भारत के संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारतीय संविधान को 1949 में स्वीकृति दी गई थी। इस दिन को स्मरण करते हुए हम भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने भारतीय समाज को एक नई दिशा दिखाने के लिए अपने महत्वपूरण योदान दिया था।
इस चीज को बताया शेरनी का दूध
जिनके अद्वितीय योगदान से इतिहास रचा गया। बाबा साहब अंबेडकर ने भारतीय समाज के लिए एक समान और न्यायपूर्ण व्यवस्था स्थापित की। बता दें डॉ. भीमराव अंबेडकर ने शिक्षा को शेरनी का दूध बताया था। उन्होंने कहा था इस दूध को जो पियेगा वो दहाड़ेगा। बाबा साहेब का मानना था कि शिक्षा ही गरीब और वंचित समाज को आगे बढ़ने का एकमात्र माध्यम है। उन्होंने समाज के हर वर्ग से कहा था कि अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं। उनका मानना था कि जिस परिवार में शिक्षा होगी, उस परिवार में कभी अंधेरा नहीं होगा।
शिक्षा पूरी कर कई डिग्री हासिल की
बता दें बाबा साहेब, भारतीय संविधान के जनक थे और वह स्वतंत्र भारत के पहले विधि और न्याय मंत्री थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रोत्साहित किया था। अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया था। बाबा साहेब को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है। 14 अप्रैल को देशभर में जयंती मनाई जाती है। निचले कुल में जन्म लेने और भेदभाव का सामना करते हुए बाबा साहेब ने अपनी शिक्षा पूरी कर तमाम डिग्रियां प्राप्त की थी।