लखनऊ। विनायक चतुर्थी इस साल 5 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है। विनायक चतुर्थी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। जो भक्तों की सभी कठिनाइयों को दूर करते हैं। साथ ही अपने भक्तों को ज्ञान का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
नई शुरूआत के लिए शुभ
विनायक चतुर्थी को किसी भी नई शुरुआत के लिए बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए इस दिन अनेक लोग गणेश पूजा के जरिए अपने नए काम की शुरूआत करते हैं। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि?
चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 4 नवंबर को रात 11. 24 से शुरू होगी, जो 5 नवंबर को रात 12. 16 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के मुताबिक विनायक चतुर्थी का व्रत 5 नवंबर, मंगलवार को किया जाएगा। जो भक्त 5 नवंबर को विनायक चतुर्थी का उपवास करेंगे, उन्हें पूजा के लिए 2 घंटे 11 मिनट का शुभ मुहूर्त मिलेगा। उस दिन विनायक चतुर्थी की पूजा का सही समय सुबह 10. 59 मिनट से दोपहर 1. 10 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में गणपति बप्पा की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
पूजा की विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करें। सुबह सभी काम निपटाने के बाद स्नान करें। साथ ही मंदिर की साफ-सफाई करें। सूर्य देव को जल चढ़ाए। गणेश प्रतिमा की स्थापना करने के बाद उनकी विधिपूर्वक पूजा करें। गणेश जी को फूल, धूप अर्पित करें। प्रतिमा के सामने घी का दीप जलाएं। इसके बाद गणेश जी के मंत्रों का जाप करें। गणेश जी अपनी मनोकामनाएं की पूर्ति का आर्शीवाद मांगे। भगवान गणेश को मोदक और मिठाई का भोग लगाए। भोग लगाने के बाद प्रसाद का बांटे।