लखनऊ। सनातन धर्म में चैत्र शुक्ल त्रयोदशी और मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी व्रत के रूप में मनाया जाता रहा है। श्रीमद् भागवत पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने उन गोपियों के साथ वृंदावन में महारास किया था, जो उन्हें पति के रूप में चाहती थीं। साल 2024 में यह पर्व […]
लखनऊ। सनातन धर्म में चैत्र शुक्ल त्रयोदशी और मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी व्रत के रूप में मनाया जाता रहा है। श्रीमद् भागवत पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने उन गोपियों के साथ वृंदावन में महारास किया था, जो उन्हें पति के रूप में चाहती थीं। साल 2024 में यह पर्व 13 दिसंबर को मनाया जा रहा है।
इस दिन अनंग त्रयोदशी व्रत की कथा पढ़ना शुभ माना जाता है। अनंग त्रयोदशी के मौके पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद कामदेव और उनकी पत्नी देवी रति की पूजा करना जरुरी होता है। कामदेव की पूजा में सुगंधित फूल, चंदन, इत्र, फल चढ़ाए जाते है। भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करने के दौरान सुखद दांपत्य जीवन की कामना करना चाहिए। कामदेव को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
कामदेव के मंत्र ‘ॐ कामदेवाय: विदमहे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नो अनंग: प्रचोदयात’ जाप करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। माला से अधिक से अधिक जाप करना चाहिए। यह ध्यान रखना जरुरी है कि इस दिन किए गए व्रत, पूजा और खास उपाय प्रेम संबंधों में मजबूती आती हैं। इस व्रत में स्वास्थ्य, संतान और धन से संबंधित समस्याओं का समाधान भी करते हैं। इसलिए, इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं। साथ अपने जीवन में खुशिया लाए।