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Somvati Amavasya: आज है सोमवती अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

लखनऊ। आज सोमवती अमावस्या का पर्व है। पूरे भारत में इस दिन को खास तरीके से मनाया जाता है। सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व होता है। सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान का अपना महत्व होता है। इस दिन […]

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Somvati Amavasya
  • December 30, 2024 7:27 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

लखनऊ। आज सोमवती अमावस्या का पर्व है। पूरे भारत में इस दिन को खास तरीके से मनाया जाता है। सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व होता है। सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान का अपना महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की अराधना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

पितरों का श्राद्ध करते हैं

सोमवती अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ का पूजा करने का उत्तम समय माना जाता है। इस दिन पतिरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सोमवती अमावस्या के दिन शिव-गौरी की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन व्रत करने से व्रतियों को भगवान शिव और मां गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ब्रह्मा मुहूर्त सुबह 5 बजकर 24 से शुरू होगा जो 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा।

सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त

वहीं प्रात संध्या का मुहूर्त 5.51 से आरंभ होगा जो 7.13 पर जाकर समाप्त होगा। अभिजित मुहूर्त की शुरूआत 12 बजकर 3 मिनट पर होगी और 12 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। वहीं विजय मुहूर्त की शुरूआत 2.07 मिनट से होगी जो 2.49 पर खत्म होगा। सोमवती अमावस्या के दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। फिर मां गौरी और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।

सोमवती अमावस्या की पूजा विधि

पूजा के साथ ही शिव जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। शिव चालीसा का पढ़ना चाहिए। शिव जी को मीठे का भोग लगाना चाहिए। मीठे में आप खीर या दूध से बनी किसी चीज का भोग लगा सकते है। संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखना चाहिए।


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