Saturday, November 9, 2024

मौनी अमावस्या : मौनी अमावस्या पर करें ऐसा काम, बदल जाएगी जिंदगी, जानें कैसे

लखनऊ। आज देश भर में मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में माना जाता है कि इस अवसर पर पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से आपकी किस्मत भी बदल सकती है। तो आइए जानते है ऐसे में मौनी अमावस्या पर लोगों को क्या-क्या करना चाहिए जिससे जिंदगी में खुशिया ही खुशिया आए। पीपल का परिक्रमा करते हुए पीपल के वृक्ष पर कोई वस्तु हर बार चढ़ानी चाहिए। परिक्रमा पूरी होने पर चढ़ाई वस्तुएं किसी ब्राह्मण को दे देना चाहिए।

अमावस्या तिथि का विशेष महत्व

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। माघ मास की अमावस्या को हम मौनी अमावस्या के नाम से जानते है। शास्त्रों की माने तो मौनी अमावस्या का किस्सा भी कुछ खास है. इस तिथि पर ऋषि मनु का जन्म हुआ था, इसलिए इसे मौनी अमावस्या का नाम दिया गया है। बता दें कि इस तिथि पर भगवान शिव और भगवान विष्णु का पूजन करना बेहद शुभ माना गया है। आज मौनी अमावस्या का पवित्र दिन भी है।

पितरों का मिलता है आशीर्वाद

पाली के ज्योतिषाचार्य शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पितरों का आशीर्वाद पाने का आज खास दिन है। इस दिन दान, पिंडदान, तर्पण करने से पूर्वज अधिक प्रसन्न होते हैं। पुराणों और ग्रंथो के मुताबिक इस दिन पवित्र नदियों जैसें गंगा और तमाम नदियों का जल अमृत के समान माना जाता है। ऐसे में यह भी माना जाता है कि जो लोग इस दिन घर में सुबह उठकर सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि करते है उन्हें खुशिया ही खुशिया मिलती है।

मौन व्रत का करें पालन

स्नान करने के दौरान मौन धारण करना चाहिए और जाप करने तक मौन व्रत का पालन करना चाहिए। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मौन नहीं रख पाता है तो उसे अपने विचारों को शुद्ध रखना चाहिए।

सूर्य-चंद्रमा का मिलन

अमावस्या के तिथि पर रुद्राभिषेक करने का विशेष विधान है। इस दिन सूर्य-चंद्रमा का मिलाप होता है। अमावस्या तिथि पर चंद्रमा से संबंधित सफेद वस्तुएं जैसे चीनी, चावल, दूध, दही आदि का दान करने से चंद्रमा अनुकूल होता है। इस दिन लोगों को पीपल की 108 बार परिक्रमा करना चाहिए।

जानते है, राशि के हिसाब से क्या करें –

  • मेष व वृश्चिक: लाल मसूर की दाल, गुण, लाल चंदन, लाल फूल, सिंदूर, तांबा, मूंगा, लाल वस्त्र आदि।
  • वृष व तुला: सफेद वस्त्र, कपूर, खुशबूदार अगरबत्ती, धूप, इत्र, दही, चावल, चीनी, दूध, चांदी आदि।
  • मिथुन व कन्या: हरी सब्जी, हरा फल, हरा वस्त्र, कांसे का बर्तन, पन्ना या उपरत्न ऑनेक्स, हरी दाल, आदि।
  • कर्क : दूध, दही, चावल, सफेद वस्त्र, चीनी, चांदी, मोती, शंख, कपूर, बड़ा बताशा आदि।
  • सिंह: गेंहू, गुड़, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चन्दन, माणिक्य, शहद, केसर, सोना, तांबा, शुद्ध घी, कुमकुम आदि दक्षिणा सहित।

-धनु व मीन: पीला वस्त्र, हल्दी, पीला अनाज, केला, चने की दाल, पुखराज या उसका उपरत्न सुनहला अथवा पीला हकीक, देशी घी, सोना, केसर, धार्मिक पुस्तक, पीला फूल, शहद आदि।

  • मकर व कुंभ: काले तिल, काला वस्त्र, लोहा, काली उड़द दाल, काले फूल, सुरमा , चमड़े की चप्पल, कोयला, काला मिर्च, नीलम अथवा उसका उपरत्न जमुनिया, काले चने, काली सरसों, तेल आदि।
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