लखनऊ: आज शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन है, जिसमें मां दुर्गा के 9वें रूप मां सिद्धरात्रि की पूजा की जाएगी. लेकिन क्या आपको पता है नवरात्रि का व्रत और माता रानी की पूजा का पूर्ण फल की प्राप्ती कब होती है, तो चलिए जानते है, बता दें कि जब आप छोटी-छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनका विधि पूर्वक पूजन करते हैं. आपको नवरात्रि में की गई माता रानी की सेवा का पूर्ण फल मिलता है। कन्या पूजन को कंजक भी कहा जाता है.
आज कन्या पूजन करना बेहद शुभ
नवरात्रि के दौरान, भक्त अष्टमी और नवमी तिथि पर कुंवारी लड़कियों की पूजा करते हैं, जो आज 11 अक्टूबर को है। आज अष्टमी-नवमी दोनों तिथि एक ही दिन है. इसलिए आज 11 अक्टूबर, शुक्रवार को अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ माना गया है।
2 से 10 साल की कन्या माता के सामान
कन्या पूजन के दौरान लोग 2-10 साल की छोटी बच्चियों को मां दुर्गा का रूप मानते हैं और उन्हें आदरपूर्वक अपने घर बुलाते हैं, उनके पैर धोते हैं, उन्हें पूड़ी, चना, हलवा और नारियल खिलाते हैं, उपहार देते हैं और उन्हें विदा करते हैं। आशीर्वाद का। ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
कन्या पूजन में रखें इन बातों का ध्यान
लेकिन ध्यान रखें कि कन्या पूजन के दौरान ऐसी कोई गलती न करें जिससे देवी मां नाराज हो जाएं। कन्या पूजा पर लोग लड़कियों को कई तरह के उपहार देते हैं, जो बहुत अच्छी बात है। लेकिन जाने-अनजाने में कोई भी ऐसा उपहार न दें जिससे माता रानी की नाराजगी का सामना करना पड़े। इसलिए जानिए लड़कियों को उपहार में क्या नहीं देना चाहिए-
कंजक को उपहार के तौर पर इन चीजों को न दें
कन्या पूजन में कन्याओं को स्टील या प्लास्टिक से बनी वस्तुएं उपहार में न दें क्योंकि हिंदू धर्म में पूजा के लिए इन धातुओं को शुभ नहीं माना गया है।
इसके अलावा कन्याओं को कांच की चीजें या नुकीली चीजें देने से बचें।
कन्या पूजन के बाद कन्याओं को कभी भी काले कपड़े या काला रूमाल आदि न दें। इसके स्थान पर आप लाल रंग की चुनरी या लाल वस्त्र उपहार में दे सकते हैं।
इन गलतियों से भी बचें
घर आकर सीधे कन्याओं को भोजन कराने की बजाय पहले उनके पैर धोएं, तिलक लगाएं और फिर आसन पर बिठाएं।
कन्याओं को लहसुन-प्याज वाली चीजें खिलाने की बजाय हलवा, पूरी, चना और नारियल ही खिलाएं। छोटी कन्याओं को उतना ही खाना खिलाएं जितना वे सम्मानपूर्वक खा सकें।
कन्याओं को बिना पैर छुए विदा न करें, इससे मां दुर्गा नाराज होती हैं।
लड़कियों को विदा करने के तुरंत बाद घर की सफाई न करें।