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Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज व्रत कब? जानें पूजा समेत नियम

लखनऊ : हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत का बहुत महत्व है। राजस्थान, यूपी, एमपी, बिहार और झारखंड में हरतालिका व्रत खास […]

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  • July 28, 2024 11:46 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

लखनऊ : हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत का बहुत महत्व है। राजस्थान, यूपी, एमपी, बिहार और झारखंड में हरतालिका व्रत खास होता है। इस साल 2024 में हरतालिका तीज कब मनाई जाएगी ? ऐसे में चलिए जानें तिथि, पूजा नियम और महत्व।

6 सितंबर को रखा जाएगा व्रत

हरतालिका तीज 6 सितंबर 2024, शुक्रवार को है। इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की रेत से बनाई गई मूर्तियों की पूजा करती हैं और सुखी जीवन और संतत्व की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 05 सितंबर 2024 को दोपहर 12:51 बजे प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी 06 सितंबर 2024 को दोपहर 03:01 बजे समाप्त होगी। पूजा ले लिए सुबह 06:02 बजे से 08:33 बजे तक का सही समय बताया गया है।

जानें इस पर्व के महत्व

हरतालिका तीज पर हस्तगौरी नामक व्रत रखने का प्रावधान है। इसे रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और पति को लंबी आयु, यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। महिलाओं के साथ-साथ अविवाहिता कन्याएं भी हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं।

इस तरह करें तीज व्रत

हरतालिका तीज पर सूर्योदय से निर्जला व्रत का संकल्प लें और फिर महापूजा की तैयारी करें, पूजा सामग्री एकत्रित करें। शाम को 16 श्रृंगार करके दुल्हन की तरह सजें और शाम को बालू या मिट्टी से बनी भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की पूजा करें। शिव को बेलपत्र और माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। रात भर चारों प्रहर में भगवान शिव की पूजा और आरती करें, सुबह माता पार्वती से सुहाग लें और व्रत खोलें।


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